आज दो फ़रवरी का दिन भारत की राजनीति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।आज के दिन शोषित राजनीति के मसीहा इस देश में शोषित समाज की एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी संगठन खड़ा करने का सपना देखने वाले और उस सपने को पूरा करने के लिए शोषित समाज दल की स्थापना करने वाले भारत लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद जी का जन्मदिन है।
बाबू जगदेव प्रसाद एक प्रखर वक्ता प्रखर चिंतक और बहुत ही कुशल संगठनकर्ता थे।उन्होंने १९६७ में शोषित दल की स्थापना की और स्वयं कोइरी समाज से होते हुए भी उन्होंने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष यादव समाज के B पी मंडल जी को बनाया।उद्देश्य था कि शोषित समाज की सभी जातियों को लेकर एक सर्व समावेशी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का निर्माण किया जाए।कालांतर में उन्होने कुर्मी समाज के महामना राम स्वरूप वर्मा जी की समाज दल के साथ शोषित दल का विलय करके शोषित समाज दल का निर्माण 1972 में किया और इस दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष उन्होंने उत्तर प्रदेश की धरती से कुर्मी समाज के राम स्वरूप बर्मा जी को बनाया।उन्होंने दोनों दल के विलय के राष्ट्रीय अधिवेशन में वाराणसी की धरती से यह घोषणा की थी कि आज पटना और लखनऊ के दो दल आपस में मिलकर एक राष्ट्रीय दल की नींव रख रहे हैं,जो लंबे संघर्ष के बाद राष्ट्रीय दल के रूप में उभरेगा और शोषित समाज को न केवल राज्यों की सत्ता में,वरन केंद्र की सत्ता में भी स्थापित करेगा।
दुर्भाग्य की 1974 में शासन सत्ता द्वारा उनकी क्रूरता से हत्या कर दी गई ,जिसके कारण राष्ट्रीय दल के निर्माण का उनका सपना अधूरा ही रह गया और बाद में शोषित समाज दल राष्ट्रीय स्तर पर उभर नहीं पाया और तमाम कारणों से दल का विकास नहीं हो पाया और बाबू जगदेव प्रसाद का सपना अधूरा रह गया।
” जिसकी सत्ता होती है,उसी की संस्कृति होती है,उसी का समाज होता है और जिसका समाज होता है,उसी की सत्ता होती है और जिसकी सत्ता होती है,उसी का विकास होता है।”।
भारत लेनिन अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद
बकैत एवं डकैत संस्कृति को हटाकर समतावादी खत्तिय यानी खेतिहर एवम शिल्पजीवी-श्रमजीवी सांस्कृतिक और सामाजिक एकता और मूल्यों की स्थापना करने के लिए सत्ता पर काबिज होने की प्राथमिक शर्त है।
इसीलिए,देश में राजनीतिक एकता के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन की लड़ाई ही मुख्य और बड़ी बात है।जब तक जमीन तैयार नहीं होगी,तब तक सत्ता सुख के फल की प्राप्ति करना बेमानी है।
श्रमशील,शिल्पजीवी,श्रमजीवी और खेतिहर समाज का हिमायती जो भी राजनीतिक संगठन सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को नकारकर जल्दी सत्ता में पहुंचने या सत्ता में भागीदारी के फिराक में रहेगा या बिना लोकतांत्रिक राजनीतिक एकता के सामाजिक सांस्कृतिक परिवर्तन का बिगुल बज जाएगा,तो वह बार-बार असफल होगा। अगर झटके और जुवाड़ में कभी सत्ता मिल भी गयी,तो,न वह दिर्घायु होगी और न ही व्यवस्था परिवर्तन का माध्यम।
शोषित राजनीति में बाबू जगदेव प्रसाद की हत्या के पश्चात बहुत बड़ी शून्यता उत्पन्न हो गयी और उनके जैसा क्रांतिकारी,जुझारू,शोषित राजनीति के प्रति समर्पित और ईमानदार,लोकतांत्रिक राजनीति का समर्थक कोई भी व्यक्तित्व आज तक पैदा नहीं हुआ।
शोषित राजनीति को बाबू जगदेव प्रसाद जैसे सर्व समावेशी लोकतांत्रिक राजनीति के समर्थक व्यक्तित्व की प्रतीक्षा है।अभी तो दूर दूर तक कोई नज़र नहीं आ रहा है।
बाबू जगदेव प्रसाद जी का सपना शोषित समाज की एक राष्ट्रीय स्तर की लोकतांत्रिक पार्टी बनाना था। इस राष्ट्रीय स्तर के लोकतांत्रिक दल के माध्यम से 90प्रतिशत शोषित समाज की जनता को धन धरती और राजपाट में भागीदारी दिलाना था।उनकी हत्या के पश्चात शोषित समाज व्यक्तिवादी परिवारवादी जातिवादी राजनीति में लग गया और इस समाज में बड़े बड़े क़ुतुबमीनारनुमा मसीहा और प्रत्येक जाति समाज के शेर चीता होने का दावा करने वाले नए राजनीतिक सामन्ती व्यक्तित्व और उनके सामन्ती परिवार पैदा होने लगे।हज़ारों दल बन गये।लोकतांत्रिक पार्टी की बातें ही ख़त्म हो गई और कोई इस दिशा में विमर्श भी नहीं करना चाहता है और परिणाम सामने है।सब बरबाद हो रहे हैं।
हम सभी शोषित समाज के लोगों को यह भलीभाँति समझ लेना चाहिए कि राष्ट्रीय स्तर की पार्टी कभी एक जाति एक व्यक्ति और एक व्यक्ति के परिवार से नहीं बन सकती ।हम लोगों को व्यक्ति आधारित राजनीति के बजाए समूह आधारित संगठन आधारित लोकतांत्रिक संस्कृति और संस्कार आधारित दल का निर्माण करना पड़ेगा.तभी बाबू जगदेव प्रसाद जी का सपना पूरा होगा।इस सपने को पूरा करने के लिए सम्यक पार्टी तेज़ी से काम कर रही है और बाबु जगदेव प्रसाद के राष्ट्रीय पार्टी बनाने के सपने को पूरा करेगी।
आज समस्याएं अनंत है हम समस्याओं का रोना रो रहे हैं समस्याओं की विस्तृत विवेचना कर रहे हैं लेकिन समस्याओं का रोना रोने से उनका पोस्टमार्टम करने से समस्याओं की समझ तो उत्पन्न हो सकती है किंतु समस्या का समाधान राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाकर केंद्र की सत्ता में स्थापित होने से ही हो पाएगा और जब शोषित समाज एक सर्वसमावेशी सभी जातियों को मुखिया बनाने का संकल्प लेकर राजनीतिक दल विकसित करेगा तो राज्यों में उसकी सत्ता स्वत: स्थापित हो जाएंगी।आज इस पावन पर्व पर बाबू जगदेव प्रसाद जी को शत शत नमन बन्दन के साथ सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामना
लेखक :तपेंद्र प्रसाद शाक्य ( संस्थापक सम्यक स्वराज पार्टी)
तपेंद्र प्रसाद शाक्य पूर्व आईएएस , पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार व सम्यक स्वराज पार्टी के संस्थापक हैं