आज हाइकोर्ट में सचिन पायलट समेत उनके 19 समर्थित विधायकों की याचिका पर होगी दोबारा सुनवाई

राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई अब कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गई है। राजस्थान में पिछले कई दिनों से जारी सियासी खींचतान के बीच अब सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट के साथ कोर्ट में दो-दो हाथ को तैयार हैं। आज हाइकोर्ट में सचिन पायलट समेत उनके 19 समर्थित विधायकों की याचिका पर दोबारा सुनवाई होने वाली है। इस बीच आज सीएम अशोक गहलोत सुनवाई से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं। इस बीच खबर है कि सचिन पायलट खेमे से उनके 5 खास साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है। अब उनके पास 30 की जगह सिर्फ 25 विधायक ही बचे हैं।

राजस्थान में सचिन पायलट सहित उनके 19 समर्थित विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस देने का मामला गुरुवार को हाई कोर्ट पहुंचा था। पायलट सहित विधायकों ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से जारी अयोग्यता के नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाइकोर्ट की डबल बेंच आज इस मामले पर दोपहर एक बजे सुनवाई करेगी।

राजस्थान में हाइकोर्ट की आज होने वाली सुनवाई से पहले सीएम अशोक गहलोत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान गहलोत सचिन पायलट के बागी तेवर और विधायकों के हाइकोर्ट जाने को लेकर बात कर सकते हैं।

राजस्थान में 6 दिनों से जारी सियासी भूचाल के बीच सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच रस्साकशी जारी है। इस बीच पायलट खेमे में हलचल की खबर है। पायलट के 5 खास साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है।तीन दिन पहले तक अपने साथ 30 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे पायलट के पास अब सिर्फ 25 विधायक ही बचे हैं। पायलट का साथ छोड़ने वालों में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास,विधायक दानिश अबरार,चेतन डूडी,रोहित बोहरा व प्रशांत बैरवा शामिल है । ये सभी वे नेता हैं जो पिछले साढ़े छह साल से पायलट के साथ काम कर रहे थे ।

आज हाइकोर्ट में सचिन पायलट समेत उनके 19 समर्थित विधायकों की याचिका पर सुनवाई होने वाली है। यह सियासी घमासान हाई कोर्ट के सिंगल बेंच से होता हुआ मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की डबल बेंच तक पहुंच गया है। मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई शुक्रवार दोपहर एक बजे करेंगे।
शुक्रवार दोपहर एक बजे ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने 19 विधायकों के निष्कासन को लेकर दिये गए नोटिस का जवाब भी मांगा है। पायलट के लिए परेशानी यह है कि यदि हाई कोर्ट की खंडपीठ का निर्णय आने से पहले 19 विधायकों के जवाब से असंतुष्ट होकर सदस्यता रद करने का आदेश विधानसभा अध्यक्ष दे देते हैं तो मामला पेचीदा हो जाएगा। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि फिर पायलट को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा।

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच गुरुवार सुबह पायलट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने हाई कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान ही व्हिप मान्य होता है। विधानसभा सत्र के अलावा व्हिप मान्य नहीं होता है। ऐसे में नोटिस देना या सदस्यता रद करने की मांग करना गलत है।

राजस्थान में पिछले काफी दिनों से जारी सियासी रार में अब कोर्ट में एक बड़ी कानूनी लड़ाई की तैयारी है। इस मामले में दोनों तरफ से दिग्गज वकील भी आमने-सामने हैं। सचिन की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने नोटिस को चुनौती दी है। जबकि दूसरे पक्ष की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की। यह सुनवाई ऑनलाइन हुई।

विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट, हेमाराम चौधरी, भंवरलाल शर्मा, दीपेंद्र ¨सह शेखावत, विश्वेंद्र ¨सह, रमेश मीणा, गजेंद्र ¨सह शक्तावत, इंद्रराज गुर्जर, गजराज खटाणा, राकेश पारीक, पीआर मीणा, मुरारी लाल मीणा, सुरेश मोदी, वेद्रप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावडि़या, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला व अमर सिंह को नोटिस दिया है।