उत्तराखंड में चुनावी आहट से ठीक पहले हरीश रावत के टृवीट से मचे सियासी तूफान को थामने के लिए कांग्रेस हाईकमान सक्रिय हो गया है। पार्टी हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का समाधान निकालने और चुनावों की जिम्मेदारी हरीश रावत के कंधों पर ही रखे रहने का संकेत देते हुए सूबे के नेताओं को आपात बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है। रावत के साथ प्रदेश कांग्रेस के करीब आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं को घमासान का अंत कर सुलह का रास्ता निकालने के लिए दिल्ली बुलाया गया है और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से इनकी मुलाकात और बातचीत की संभावना
पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की कि रावत के टवीट से उत्तराखंड कांग्रेस में मची खलबली ज्यादा गंभीर न बन जाए इसे देखते हुए हाईकमान की ओर से गुरूवार सुबह ही हरीश रावत समेत प्रमुख नेताओं को बातचीत के लिए दिल्ली आने का संदेश भेज दिया गया। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हरीश रावत से फोन पर चर्चा की और इस दौरान संगठन को लेकर उनकी प्रमुख शिकायतों का ब्यौरा लिया। बताया जाता है कि बातचीत के दौरान वेणुगोपाल की ओर से रावत को यही संदेश देने की कोशिश की गई कि कांग्रेस नेतृत्व ने पूरी रणनीति के तहत उनको उत्तराखंड चुनाव का जिम्मा सौंपा है और सबको मालूम है कि वे ही पार्टी का चुनावी चेहरा हैं।
ऐसे में मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा इतना बड़ा मुद्दा नहीं है। समझा जाता है कि वेणुगोपाल ने रावत को यह संदेश भी दिया कि हाईकमान इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगा कि उत्तराखंड कांग्रेस एकजुट होकर मजबूती से न केवल चुनाव लड़े बल्कि सूबे में सरकार भी बनाए। इसका संकेत साफ है कि पार्टी नेतृत्व हरीश रावत के हाथ बांधने की शिकायतों को दूर करने के लिए संगठन के साथ साथ टिकट बंटवारे में भी उन्हें पूरी अहमियत देने को तैयार है। कांग्रेस हाईकमान ने रावत के अलावा जिन नेताओं को दिल्ली बुलाया है उसमें उनके विरोधी नेता विपक्ष प्रीतम ¨सह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, यशपाल आर्य, किशोर उपाध्याय आदि शामिल हैं। उत्तराखंड के इन नेताओं की शुक्रवार को वेणुगोपाल के साथ पहले बैठक होगी और उसके बाद राहुल गांधी से चर्चा कर रावत के उठाए मु²दों का समाधान निकाला जाएगा।