अंबेडकर पार्क, गौतम बुद्ध समेत स्मारक समिति के अधीन चल रहे स्मारकों व पार्कों में सुबह शाम टहलना व घूमना महंगा होगा। इसके अलावा अब यहां सहालग के मौसम में आपको बैंड बाजा बारात भी की रौनक भी नजर आएगी।
शुक्रवार को शुक्रवार को स्मारक समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। स्मारक समिति की आय बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसको लेकर कमिटी बनाकर शादी- विवाह समेत होने वाले अन्य आयोजन का रेट तय किया जाएगा। हालांकि स्मारक समिति के पार्कों में टहलने और मासिक पास का रेट जारी कर दिया गया है।
स्मारक समिति के प्रबंधक (प्रशासन) आशीष के मुताबिक स्मारक समिति की आय बढाने के लिए बोर्ड ने यह फैसला किया है। अब सर्वे कर स्मारकों में इन आयोजनों के लिए जगह आरक्षित करने के साथ ही जगह बुकिंग के लिए शुल्क की दरें भी तय की जाएंगी। इसके लिए जल्द ही एक कमिटी बनायी जाएगी।
बसपा सरकार में दलित महापुरुषों के नाम पर लखनऊ, नोएडा में स्मारक बनाए गए थे। उसके रख- रखाव के लिए बनी समिति ने अब यहां आय बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए तय किया गया है कि समिति के रिक्त स्थलों पर शादी समारोह जैसे कार्यक्रम हो सकेंगे। यहां सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, अराजनैतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, वैवाहिक, व्यावसायिक, फिल्मों व धारावाहिकों की शूटिंग, मांगलिक तथा अन्य व्यक्तिगत कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसकी शुरूआत रमाबाई रैली स्थल व कांशीराम सांस्कृतिक स्थल से होगी।
कांशीराम स्मारक, कांशीराम इको ग्रीन गार्डन, डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक, गोमती अंबेडकर म्यूजिकल फाउंटेन पार्क, बौद्ध विहार शांति उपवन सहित अन्य सभी स्मारक समिति के पार्कों में प्रवेश शुल्क मंहगा कर दिया गया है। सभी जगह प्रवेश शुल्क 20 रुपए कर दिया गया है। अभी तक 15 का चार्ज था। बौद्ध बिहार शांति उपवन में प्रवेश शुल्क 10 से बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। अभी तक पार्कों तथा स्मारकों में सुबह शाम टहलने के लिए 200 रुपये का मासिक पास बनता लेकिन अब इसके लिए 400 रुपए देने होंगे। जबकि 600 रुपए में बनने वाला छमाही पास अब 1600 रुपए में बनेगा।
स्मारक समिति के कर्मचारियों के हितों में भी फैसले लिए गए हैं। सेवाकाल में 152 मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किए जाने, त्याग पत्र देकर अवमुक्त हो चुके कर्मचारियों की अंशदाई भविष्य निधि वापस किए जाने को भी मंजूरी दी गई है। करीब 5789 कर्मियों का 400 करोड़ रुपए पीएफ की कटौती के तौर पर बैंकों में जमा है लेकिन अभी तक सीपीएफ खाते नहीं खुल सके, अब नई पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष से 60 वर्ष होगी। इसको भी मंजूरी दे दी गई है।