पूरा विश्व कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है, आज से 13 महीने पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया था, इन 13 महीनों के दौरान कोरोना वायरस को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आई हैं, इसकी रोकथाम के लिए कई वैक्सीन भी बनाई गई है और वायरस को लेकर लगातार शोध भी जारी है तो वहीं अब इसके एयरबोर्न होने की बात सामने आ रही है। हालांकि इससे पहले जब WHO के सामने वायरस के हवा में फैलने की बात कही गई थी तो उसने इस पर कुछ कहा नहीं था।
लेकिन जिस तरह से कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है, वो काफी भयानक है। सेंकड वेव से साबित हुआ है कि SARS-CoV-2 का प्रत्येक नया स्ट्रेन पिछले स्ट्रेन की तुलना में बहुत ज्यादा घातक है क्योंकि इससे ग्रसित होने मरीज को पता ही नहीं चल पा रहा है कि वो संक्रमित हो गया है और इस चक्कर में मरीज का पूरा परिवार संक्रमण की चपेट में आ जा रहा है। जो कि ये साबित करता है कि वायरस हवा में फैल चुका है।
अप्रैल में द लासेंट के शोध में भी ये बात कही गई है कि वायरस एयरबोर्न हो चुका है, जिसके बाद 30 अप्रैल को WHO ने अपनी गाइडलाइन को संशोधित करते हुए इसमें वायरस के एयरबोर्न होने की परिकल्पना को भी शामिल कर लिया है। हालांकि इससे पहले जब स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने विश्वस्वास्थ्य संगठन के सामने वायरस के एयरबोर्न होने की बात कही थी, तो WHO ने कहा था कि इस थ्योरी से इंकार तो नहीं किया जा सकता है लेकिन अभी इसके स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं
फिलहाल WHO की संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक वायरस बंद कमरे में भी फैल सकता है, बिना हाथ साफ किए आंख, नाक और मुंह को छूने से भी इंसान संक्रमित हो सकता है, हालांकि वायरस के संक्रमण पर लगातार मंथन जारी है। एयरबोर्न होने की बात सामने आने के बाद डॉक्टरों की ओर से लगातार कहा जा रहा है इंसान घर पर भी मास्क लगाकर रहे।
इससे पहले भारत में कोरोना से बिगड़ी स्थिति पर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिंता जाहिर की थी। डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस अधनोम गेब्रेएसस ने कहा है कि भारत की स्थिति बहुत ही ज्यादा बिगड़ गई है, ये दिल दुखाने वाला है लेकिन हमारी ओर से इंडिया कीहर संभव मदद की जाएगी।