मध्यप्रदेश बिधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बजाए इस बार बीजेपी ने ज्यादा टिकट काटे

‘मैं तो अब फ्री हो गया हूं। राजनीति के साथ-साथ अब समाजसेवा भी करूंगा।’ टिकट काटे जाने के सवाल पर पूर्व मंत्री पारस जैन का ये जवाब है। पारस जैन 73 साल के हैं। उज्जैन उत्तर सीट से लगातार 6 बार विधायक रहे। इस बार पार्टी ने उनकी जगह 59 साल के अनिल कालूहेड़ा को टिकट दिया है। पारस जैन कहते हैं संगठन ने जो फैसला लिया मैं उसके साथ हूं। जो समाज के बीच रहता है उसका राजनीतिक करियर खत्म नहीं होता।
मध्य प्रदेश के चुनाव में इस बार बीजेपी-कांग्रेस ने 11 उम्रदराज नेताओं के टिकट काट दिए हैं, हालांकि ऐसे प्रत्याशियों को भी टिकट दिया है जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है। पार्टियों का दावा है, जिन उम्रदराज नेताओं को टिकट मिला उनका नाम सर्वे में मजबूत प्रत्याशी के तौर पर उभरा था।
कांग्रेस की बजाए इस बार बीजेपी ने ज्यादा टिकट काटे हैं। ये सभी लोग आखिरी समय तक टिकट की दावेदारी कर रहे थे। अब टिकट नहीं मिला तो ज्यादातर नेता चुनावी राजनीति को खत्म सा मान रहे हैं। इनमें अधिकतर विधानसभा चुनाव के प्रचार से भी दूर हैं। अब वे समाज सेवा के मूड में ज्यादा नजर आते हैं।