अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी नजर आएगी यह दोस्‍ती : पीएम मोदी

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शनिवार को भारत के दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्‍ली पहुंचे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने उनकी आगवानी की। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारत पहुंचने के बाद वो सबसे पहले पीएम मोदी से मिलने पहुंचे हैं। दोनों वैश्विक नेताओं के बीच दिल्ली हैदराबाद हाउस में वार्ता हुई। 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी ने बताया कि जापान भारत में करीब 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। वहीं, जापानी पीएम किशिदा ने भारत-जापान के संबंधों के महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि जब पूरा विश्व गंभीर संकट को दौर से गुजर रहा है ऐसे में भारत और जापान के बीच घनिष्ठ साझेदारी होना बहुत जरूरी है। जापानी प्रधानमंत्री अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 19 और 20 मार्च को नई दिल्ली में ही रहेंगे।

सम्मेलन के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने भारत और जापान के संबंधों को बहुत जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि आज के वक्त में जब पूरा विश्व गंभीर संकट को दौर से गुजर रहा है ऐसे में भारत और जापान के बीच घनिष्ठ साझेदारी होना बहुत जरूरी है। शिखर सम्मेलन में हमने अपने विचार व्यक्त किए, साथ ही यूक्रेन में रूस द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाई के बारे में भी बात की। हमें अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भी प्रयास बढ़ाने चाहिए

पीएम मोदी ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत और जापान एक सुरक्षित, भरोसेमंद, पूर्वानुमेय और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति के महत्व को समझते हैं। जिसके चलते यह जरूरी है कि हम सतत आर्थिक विकास को हासिल करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए साझा काम करें। इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि जापान भारत में अगले पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन यानी 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा

भारत और जापान के बीच हुए 14वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी ने प्रेस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘पीएम किशिदा और भारत के पुराने संबंध हैं। जब किशिदा जापान के विदेश मंत्री थे तब मुझे उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला था। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच आर्थिक साझेदारी में प्रगति हुई है। जापान, भारत के सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। भारत-जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कारिडोर पर ‘वन टीम-वन प्रोजेक्ट’ के रूप में काम कर रहे हैं।