इन दो राष्ट्रीय पार्टियों को मिले NOTA से भी कम वोट, दिल्ली चुनाव के चौंकाने वाले आंकड़े

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सत्ता बदल दी है. बीजेपी 48 सीट लेकर प्रचंड जीत के साथ 27 साल बाद सरकार में वापस आई है. वहीं, आम आदमी पार्टी के 62 सीटों की जगह केवल 22 सीटों पर विधायक बचे हैं. अरविंद केजरीवाल की आप के लिए चुनाव नतीजे तो निराशाजनक रहे ही, लेकिन दो राष्ट्रीय दल ऐसे भी हैं जिनके वोट शेयर ने पार्टी नेतृत्व को निराश कर दिया.

दरअसल, दिल्ली चुनाव नतीजों के आंकड़े देखें तो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) को NOTA से भी कम वोट मिले हैं. दिल्ली के 0.57 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया तो वहीं बसपा को 0.58 फीसदी वोट मिले. सीपीआई(एम) का वोट शेयर 0.01 परसेंट रहा. बसपा का वोट शेयर कम भले न हो, लेकिन नोटा के बराबर ही है. बसपा और माकपा दोनों ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां हैं. कांग्रेस, बीजेपी, आम आदमी पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी अन्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं. आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और जनता दल (यूनाइटेड) को क्रमश: 0.01 प्रतिशत और 0.53 फीसदी वोट मिले. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 43.57 फीसदी, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM को 0.77 फीसदी, बीजेपी को 45.56 फीसदी, मायावती की बीएसपी को 0.58 फीसदी, सीपीआई को 0.02 फीसदी, सीपीआई (एम) 0.01 फीसदी, कांग्रेस को 6.34 फीसदी, नीतीश कुमार ती जेडीयू को 1.06 फीसदी, चिराग पासवान की लोजपा(र) 0.53 फीसदी, एनसीपी को 0.06 फीसदी और अन्य को 0.93 फीसदी वोट शेयर मिला. वहीं, नोटा को 0.57 परसेंट वोट मिले.

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