आमिर खान की ये बातें उन्हें बाकी कलाकारों से बनाती हैं अलग

बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ कहे जाने वाले आमिर खान आज 14 मार्च को उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गए हैं, जिसे आमतौर पर रिटायरमेंट की उम्र माना जाता है, यानी कि 60 साल के हो चुके हैं। हालांकि, आमिर को देखकर यह कह पाना थोड़ा मुश्किल लगता है कि उनकी उम्र 60 साल हो गई है। फिल्मों के लिए वजन घटाने-बढ़ाने में माहिर आमिर खान असल जिंदगी में काफी फिट लगते है। यही वजह है कि आमिर फिल्मों में लगातार सक्रिय हैं। इंडस्ट्री में 3 दशक से भी ज्यादा का समय बिता चुके आमिर खान के 60वें जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी वो बातें जो उन्हें बाकी कलाकारों से अलग बनाती हैं।

अपनी फिल्मों को प्रमोट करने का आमिर खान का तरीका बाकी सभी कलाकारों से काफी हटकर है। बाकी कलाकारों की तरह आमिर सिर्फ इंटरव्यूज के जरिए और फिल्म के बारे में बात करके ही अपनी फिल्मों का प्रमोशन नहीं करते, बल्कि वो प्रमोशन के लिए भी उतनी ही मेहनत करते हैं, जितनी फिल्म के किरदार के लिए। वो कभी अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए लोगों के बीच में आम आदमी बनकर घूमने लगते हैं, तो कभी भेष बदलकर आमिर अलग-अलग शहरों में घूमकर अपनी फिल्में प्रमोट करते हैं। आमिर ने फिल्म ‘पीके’ के प्रमोशन के लिए सिनेमाघरों में टॉकिंग स्टैंडी का इस्तेमाल किया था, जिसमें आमिर की फोटो और आवाज थी, जो लोगों से बात करती थी। वहीं गजनी के लिए आमिर नाई बन गए थे और उन्होंने लोगों को अपने फिल्म के लुक वाली हेयर स्टाइल दी थी। जबकि दंगल के लिए आमिर ने रिलीज से पहले ही दर्शकों के लिए फिल्म के टिकट की बुकिंग खोल दी थी।

आमिर खान को ऐसे ही नहीं मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है। वो अपनी फिल्म के किरदार में उतरने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। फिर वो चाहे दंगल के लिए वजन बढ़ाना और फिर घटाना हो या फिर गजनी के लिए अपना सिर मुंडवा देना हो। फिल्म मंगल पांडे के लिए आमिर ने नकली मूछों का इस्तेमाल करने की बजाय असली में अपनी मूछें बढ़ाई थीं, जिसका जिक्र उन्होंने फिल्म के प्रमोशन के दौरान भी खुद किया था।

इंडस्ट्री में पैंतीस साल से भी ज्यादा का समय बिता चुके आमिर खान किसी सीन के शूट से पहले अभी भी रिहर्सल करने पर जोर देते हैं। आमिर खुद भी बतलाते हैं कि वो अभी भी किसी मुश्किल सीन से पहले रिहर्सल करते हैं, ताकि सीन एक दम परफेक्ट रहे।

1988 में अपने करियर की शुरूआत करने वाले आमिर खान ने साल 2000 के बाद फिल्में करने का अपना तरीका बदल दिया। बाकी कलाकारों की तरह ज्यादा से ज्यादा फिल्में करने की बजाय आमिर साल में सिर्फ एक फिल्म करने पर ही जोर देते हैं। उनका मानना है कि क्वालिटी मायने रखती है, क्वांटिटी नहीं। इसलिए एक साल में एक फिल्म करो, लेकिन ऐसी करो जो पूरे साल छाई रहे। आमिर ने इसी तरह से एक साल में एक फिल्म करके कमाई के रिकॉर्ड स्थापित किए।

सिर्फ कलाकार नहीं, एक्टिंग जीनियस भी हैं आमिर
आमिर खान सिर्फ एक्टर ही नहीं हैं, बल्कि उन्हें एक्टिंग जीनियस कहा जाता है। इंडस्ट्री के कई लोगों का ये कहना है कि आमिर का नजरिया और काम करने का तरीका सबसे अलग है। आमिर को अभिनय की बारीकियां पता हैं। टाइगर श्रॉफ जैसे कई नए कलाकारों ने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत से पहले आमिर से एक्टिंग के टिप्स लिए हैं।

इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हैं, अपने पेशे में तो महान हैं लेकिन सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखने से कतराते हैं। हालांकि, आमिर इन कलाकारों से अलग हैं। वो अक्सर सामाजिक मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखते रहे हैं। फिर भले ही उन्हें इस वजह से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा हो। उन्होंने 2012 में टीवी पर एक शो लाया था ‘सत्यमेव जयते’, जिसमें महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, बाल यौन शोषण, दहेज, ऑनर किलिंग, शराब, विकलांगता और घरेलू हिंसा जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की जाती थी।

आमिर खान सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं हैं, बल्कि वो एक सफल निर्माता भी हैं। उनके आमिर खान प्रोडक्शंस के तहत बनी कई फिल्में सुपरहिट रही हैं। जिनमें हाल ही में ऑस्कर के लिए भेजी गई ‘लापता लेडीज’ भी शामिल है। इसके अलावा आमिर एक निर्देशक के रूप में भी काफी सफल रहे हैं। उन्होंने अब तक सिर्फ 2007 में आई ‘तारे जमीन पर’ का ही निर्देशन किया है। ये फिल्म भी सुपरहिट रही थी और फिल्म को कई अवॉर्ड्स भी मिले थे।

आमिर खान की एक और बात जो उन्हें बाकियों से अलग करती है, वो है उनका अवॉर्ड फंक्शंस से दूरी बनाना। आमिर पिछले 32 सालों से नेशनल अवॉर्ड समारोह को छोड़कर किसी भी अवॉर्ड समारोह में शामिल नहीं होते हैं। इसको लेकर आमिर का कहना है कि ये बहुत ही सब्जेक्टिव और क्रिएटिव फील्ड है। फिल्मों में हम किसी को फर्स्ट या सेकंड कैसे बोल सकते हैं, क्योंकि आपकी फिल्म की कहानी अलग है। आमिर का मानना है कि बतौर भारतीय हम लोग बहुत भावुक हैं। हम लोग जज्बाती हैं, तो जब किसी को अवॉर्ड देने का वक्त आता है तो हम काम को अवॉर्ड नहीं देते, हम इंसान को अवॉर्ड देते हैं। जबकि उल्टा होना चाहिए। व्यक्ति कोई भी हो, उसका नाम कोई भी हो, उसके काम को हमें सराहना चाहिए।

जो बॉलीवुड अपनी शानदार पार्टियों के लिए जाना जाता है, उस बॉलीवुड में आमिर खान शायद इकलौते ऐसे अभिनेता हैं, जो इन पार्टियों से दूर रहना ही पसंद करते हैं। एक बार करण जौहर के शो कॉफी विद करण में बॉलीवुड की पार्टियों के बारे में बात करते हुए आमिर कहते हैं इन पार्टियों में म्यूजिक इतना तेज होता है कि पास में खड़े होने के बावजूद गला फाड़-फाड़ कर चिल्लाना पड़ता है। वहीं उन्हें बॉलीवुड पार्टियों का देर रात शुरू होना और सुबह तक चलना भी नहीं पसंद है। हालांकि, आमिर अपने घर पर ही कई बार मशहूर कलाकारों, परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ गेट टुगेदर जरूर करते हैं।

Leave a Comment