इन 3 फिल्मों में है एड्स पर कहानी, 1 में सलमान-अभिषेक और शिल्पा ने साथ किया काम ?

आज वर्ल्ड एड्स डे है. दुनिया भर में 1 दिसंबर को एड्स (एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम) दिवस मनाया जाता है. एड्स के मरीज आज भी उसी दर्द के सागर में खुद को पाते हैं, जहां कल थे. हालांकि, इस खतरनाक बीमारी के बारे में सटीक जानकारी और जागरूकता दो बड़े हथियार साबित हो सकते हैं. एड्स को लेकर अब भले ही जागरुकता बढ़ी हो, लेकिन एक समय में इस गंभीर और संक्रामक बीमारी से हजारों मौतें हुईं. जागरुकता की वजह से ही एड्स पर नियंत्रण हो पाया है. जागरुकता फैलाने के मामले में इन फिल्मों ने काम किया है.

फिल्मों का काम केवल रोमांस, एक्शन और ड्रामा नहीं बल्कि समय-समय पर उन समस्याओं पर भी बात करना होता है, जो समाज में घट रही हैं. एड्स के मरीजों के दर्द को समझ पाना सच में उतना ही कठिन है, जितना समंदर को मीठा कर पाना. हालांकि, फिल्म इंडस्ट्री ने कई ऐसी फिल्मों का निर्माण किया है, जो एड्स पर खुलकर बात करती हैं.

‘प्यार में कभी कभी’
‘प्यार में कभी कभी’ साल 1999 में रिलीज हुई थी. फिल्म भले ही पूरी तरह से एड्स पर नहीं थी, लेकिन कहानी में शानदार तरीके से एड्स की समस्या को दिखाया गया है. दरअसल, फिल्म के नायक को ही एड्स हो जाता है और पूरी कहानी एक अलग दिशा में मुड़ जाती है. फिल्म में डिनो मोरिया के साथ लीड रोल में रिंकी खन्ना और संजय सूरी हैं.

‘फिर मिलेंगे’
सलमान खान, शिल्पा शेट्टी और अभिषेक बच्चन स्टारर फिल्म ‘फिर मिलेंगे’ साल 2004 में रिलीज हुई थी. फिल्म का विषय वास्तव में शानदार कहा जा सकता है. रेवती मेनन के निर्देशन में बनी फिल्म में एड्स को न केवल एक समस्या के रूप में बल्कि उससे लड़ने, जागरूकता और समाज के योगदान को शानदार अंदाज में दिखाया गया.

साल 2005 में रिलीज ‘माई ब्रदर निखिल’ एड्स पर बनी फिल्म है. इममें लीड रोल अभिनेत्री जूही चावला के साथ संजय सूरी और पुरब कोहली ने प्ले किया था. फिल्म का निर्देशन ओनिर ने किया है. ये फिल्में न केवल मरीजों की संवेदना को छूती हैं, कई मिथकों को भी तोड़ती नजर आती हैं. सोशल इशु पर बनीं इन फिल्मों को क्रिटिक्स ने तो खूब सराहा लेकिन बॉक्स ऑफिस पर ये ऑडियंस का दिल नहीं जीत पाई.

Leave a Comment