चीन में एक महीने में कोरोना से 60 हजार मौतें हुईं, 4 जनवरी को आया था मौतों का पीक

दुनियाभर में कोरोना एक बार फिर पैर पसार रहा है। इस बीच चीन की हेल्थ एजेंसी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन में 22 दिसंबर को कोरोना का पीक आ चुका है। इस दौरान 70 लाख से ज्यादा लोग वायरस की चपेट में आए। वहीं मौतों का पीक 4 जनवरी को आया, जिसमें 4 हजार मरीजों ने अपनी जान गंवाई। प्रतिबंध खत्म होने के बाद एक महीने में ही 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

उधर, भारत में बुधवार को कोरोना के 88 नए मामले सामने आए और एक मरीज की मौत हो गई। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 1,934 एक्टिव केस हैं। महामारी की शुरुआत से अब तक देश में 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 4 करोड़ से ज्यादा लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसी बीच आज भारत में आज स्वदेशी फार्मा कंपनी भारत बायोटेक दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन लॉन्च करेगी। इसका नाम iNCOVACC है।
चीन ने दिसंबर 2022 के बीच में अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म कर दी थी। इसका मतलब कि महामारी की शुरुआत से लगाए गए सारे प्रतिबंध खत्म कर दिए गए थे। अब सरकार का कहना है कि 12 जनवरी तक 60 हजार लोगों की कोरोना से मौत हुई है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि असली आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है।
इससे पहले चीन की ही सरकार ने अनुमान लगाया था कि कोरोना प्रतिबंध खत्म होने के बाद देश में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ी। सिर्फ 3 हफ्ते में ही 25 करोड़ चीनियों को वायरस ने अपनी चपेट में लिया था।
हांग कांग यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक, चीन की राजधानी बीजिंग की 92% आबादी जनवरी के आखिर तक कोरोना से संक्रमित हो जाएगी। यहां की जनसंख्या 2 करोड़ 20 लाख है। बीजिंग समेत चीन के कई बड़े शहरों में कई बार कोरोना का पीक आ सकता है। यह लूनर न्यू ईयर के दौरान बड़ी संख्या में हो रही आवाजाही के कारण हो रहा है।
जापान में बुधवार को 79 हजार नए कोरोना मामले रिकॉर्ड किए गए। इसी बीच जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा कोविड-19 को फ्लू की कैटेगरी में लाने पर विचार कर रहे हैं। देश में कोरोना मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि उसका स्टेटस टीबी और फ्लू की बीमारी जैसा हो गया है। अधिकारी कोरोना को 5वें नंबर पर रखने पर विचार कर रहे हैं। किशिदा का कहना है कि इससे जनता कोरोना को नॉर्मल मानेगी और वायरस के साथ जीना सीखेगी।
ब्रिटेन में लोगों को एक्स्ट्रा बूस्टर डोज लगाने की तैयारी की जा रही है। यह उन लोगों के लिए होगा जो बुजुर्ग हैं, गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं या जिनकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर है। यहां भी कोरोना केसेस बढ़ रहे हैं। इंग्लैंड में एक हफ्ते में 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
बोस्टन यूनिवर्सिटी, मिनेसोटा यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार, अमेरिका में कोरोना से होने वाली मौतों को सही तरीके से नहीं गिना जा रहा है। आधिकारिक तौर पर जो आंकड़ा पेश किया जा रहा है, वह असली संख्या से कम है। मार्च 2020 से फरवरी 2022 तक लगभग 9 लाख 96 हजार से 12 लाख 78 हजार एक्सेस डेथ हुई हैं। इनमें से केवल 8 लाख 66 हजार को ही कोरोना से हुई मौतें माना गया था।
कोरोना worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 67 करोड़ 38 लाख 47 हजार 652 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोरोना से होने वाली पहली मौत थी। इसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 67 लाख 50 हजार 261 मौतें हो चुकी हैं।