डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से चुनाव हारने के बावजूद उन्हें दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाया गया तो संदेश ये गया कि पार्टी ने अपने सबसे बड़े पिछड़े चेहरों में से एक मौर्य की प्रतिष्ठा को बरकरार रखा है। लेकिन उन्हें जो मंत्रालय दिए गए हैं, उससे अब ये लग रहा है कि उनके पर भी कतरे गए हैं। 2017 में उन्हें PWD यानी लोक निर्माण विभाग जैसा बड़ा मंत्रालय दिया गया था। लेकिन इस बार ये अहम मंत्रालय उनसे छीन लिया गया है। उन्हें इस बार 6 विभाग सौंपे गए हैं-
इनमें ‘ग्रामीण विकास, ग्रामीण इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग, मनोरंजन कर, पब्लिक एंटरप्राइजेज और नेशनल इंटीग्रेशन शामिल हैं’। लेकिन पीडब्ल्यूडी ना मिलने से साफ जाहिर है केशव उपमुख्यमंत्री भले बन गए हों, पर एक मंत्री के तौर पर उनका कद तो घटाया ही गया है। सीएम योगी ने इस बार PWD विभाग का जिम्मा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को सौंपा है। बीजेपी ने उन्हें बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पेश किया था। उन्हें राहुल गांधी का बहुत करीबी माना जाता रहा है, लेकिन 9 जून 2021 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे।