“वो तो मंत्री हैं…जैसा कहेंगे, पुलिस वैसा ही करेगी। पुलिस मेरे बेटे के हत्यारों को बचा रही है। जमीन की लालच में साजिश करके मेरे बेटे को मारा गया। ये सब पूरी प्लानिंग के साथ हुआ।
पुलिस कह रही है, जुआ खेला गया। वहां ताश का एक पत्ता नहीं था। बेटे से पहले मारपीट की गई। उसकी घड़ी टूटी हुई, ऊपर गमले में पड़ी हुई मिली। पूरी शर्ट फटी थी। राखी भी टूटी पड़ी थी। विनय बचने के लिए भागा था। लेकिन उसे जीने में लाकर गोली मार दी गई। मुझे पुलिस की रिपोर्ट पर संदेह है। मेरे बेटे की मौत की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मैं आखिरी सांस तक लडूंगी।”
ये लफ्ज मंत्री कौशल किशोर के घर पर मारे गए विनय श्रीवास्तव की मां छाया के हैं। बेटे की मौत के बाद छाया सदमे में हैं। छाया का आरोप है कि 52 बीघे की जमीन को कब्जाने के लिए मंत्री के बेटे विकास किशोर के दोस्त अरुण प्रताप सिंह उर्फ बंटी ने उनके बेटे की हत्या कर दी।
दैनिक भास्कर विनय के घर पहुंचा। आसपास इलाके में हर तरफ सिर्फ इस हत्याकांड की चर्चा थी। हमारी टीम लोगों से पता पूछते हुए विनय के घर पहुंची। घरवालों का कहना है कि विनय की साजिश रचकर हत्या करवाई गई है। चलिए सब कुछ जानते हैं…
लखनऊ में गुरुवार-शुक्रवार रात केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के दुबग्गा स्थित घर पर विनय श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। विनय मंत्री के लड़के विकास किशोर उर्फ आशू का दोस्त था। घर में गोली चलने की सूचना पुलिस को दी गई। मौके से पहुंची पुलिस ने वारदात में शामिल तीन दोस्तों अजय रावत, शमीम बाबा और अंकित वर्मा को हिरासत में लिया।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि जिस पिस्टल से गोली चली, वो सांसद कौशल किशोर के बेटे की है। लेकिन घटना से पहले मंत्री का बेटा दिल्ली के लिए निकल गया था। दिन भर चली जांच के बाद देर शाम को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मामले का खुलासा कर दिया।
पुलिस ने बताया कि हत्या जुआ के विवाद को लेकर हुई। आरोपी दिन भर पुलिस और परिवार को गुमराह करते रहे कि विनय ने खुद को गोली मार ली। पुलिस के सख्ती करने के बाद आरोपी टूट गए और सच कबूल कर लिया। खुलासे के बाद भी कई सवाल दिमाग में घूम रहे थे। विकास कौशल अपनी पिस्टल रुम पर छोड़कर क्यों गया? क्या 15 हजार की हार जीत को लेकर ही हत्या हुई? सिर्फ वहां विनय के अलावा 3 लोग ही थे।
विनय की मां ने बताया 31 अगस्त का दिन था। विनय 11 बजे राखी बंधवाने के बाद घर से निकल गया। घर से करीब 600 मीटर की दूर ठाकुरगंज के फरीदीपुर मंत्री कौशल किशोर के लड़के का घर पहुंचा। इसके बाद वहां से कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर को एयरपोर्ट छोड़ने गया। एयरपोर्ट से लौटने के बाद विकास के घर चला जाता है। जहां पर अजय रावत, शमीम बाबा, अंकित वर्मा, अरुण प्रताप सिंह और सौरभ रावत भी थे।
रात 8 बजे करीब छोटे भाई विक्रांत कॉल करता है, तो कुछ देर में आने की बात कहता है। लंबा समय बीतने के बाद जब नहीं आता है, तो रात 1:30 बजे फिर कॉल करता है। तो जवाब दिया कि कुछ जरूरी न हो सो जाओ। कुछ देर में आ जाउंगा। अक्सर देर रात से आने की वजह हम लोग आराम से सो गए।
मां ने संदेह जताते हुए कहा कि विनय आशू का बहुत खास दोस्त था। आशू कहीं भी जाता, तो विनय को साथ ले जाता था। लेकिन उस दिन नहीं ले गया। अपनी लाइसेंसी पिस्टल भी बाहर रखकर गया। ऐसी कई चीजें हैं, जो साजिश की तरफ इशारा कर रही हैं।
छोटे भाई विक्रांत श्रीवास्तव बताते हैं कि शुक्रवार सुबह 4:35 पर मंत्री के रिश्तेदार अंकुर का कॉल आया। उसने कहा कि जल्दी रूम पर जाओ विनय ने लड़ाई कर ली है। जल्दबाजी में उठकर जा ही रहा था कि 2 मिनट बाद फिर मोबाइल की रिंग बजती है। इस बार कॉल अंकित का था।
अंकित ने बताया कि विनय ने खुद को गोली मार ली है। इसके बाद बड़े भाई विकास विकास को उठाया और मोहल्ले के दोस्त को लेकर घटनास्थल पहुंचा। वहां पर पहुंचने पर देखा कि विनय जमीन पर पड़ा है। पास में खून बिखरा पड़ा है, जो सूख चुका था।
विक्रांत बताते हैं हम लोग वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। काफी शोर-शराबा होने की वजह से काफी लोग इकट्ठा हो गए थे। पुलिस भी पहुंच चुकी थी। लेकिन घर में ही मौजूद अजय रावत, शमीम बाबा, अंकित वर्मा आधे घंटे बाद नीचे वाले फ्लोर पर आए।
मृतक विनय के भाई विक्रांत के मुताबिक, अरूण प्रताप उर्फ बंटी भी इस मामले में पूरी तरह शामिल है। हमारा भाई और बंटी दोनों मंत्री जी के पास आते जाते रहते हैं। वहीं से दोनों का व्यवहार बन गया था
दोनों ने साथ में मिलकर एक गांव में 52 बीघा जमीन ली थी। जिसमें दोनों का आधा-आधा था। भाई ने 15-20 दिन पहले बड़े भाई विकास ने पूछा भी था कि जमीन की रजिस्ट्री करानी है किसके नाम करा लूं। तो भाई ने मां के नाम पर रजिस्ट्री कराने की बात कही थी। उस जमीन को आधा न देना पड़े इस वजह से विनय को साजिश के तहत मारा गया। सबने सोचा था कि विनय के मरने के बाद जमीन को आपस में बांट लेंगे।
एंट्री गेट का कैमरा चल रहा है। जबकि जिस कमरे में घटना हुई वहां का कैमरा नहीं चल रहा है। मुझे ऐसा लग रहा है बाकी लोग पीछे वाले गेट से मारके निकल गए। वहां पर सौरभ रावत भी मौजूद था। उसकी मां के बयान और पुलिस का बयान संदेह पैदा कर रहा है। सौरभ की मां ने कहा कि वो 12 बजे घर आ गया था। जबकि पुलिस का कहना है कि सौरभ 2 बजे खाना लेकर आया था।
अंकुर वहीं रुकते थे। बहुत कम ही घर जाते थे। लेकिन घटना वाले दिन वो भी घर चले गए थे। इतना बोल कर विक्रांत रोने लगते हैं। आंख में आंसू भर के बोलते हैं कि हर तरफ का कैमरा ऑन था। लेकिन घटना वाला ही कैमरा क्यों बंद था?
वहीं पास में बैठी विनय की भाभी बताती हैं कि इधर दोस्ती यारी में दरार के भी काफी स्टेटस लगाने लगे थे। इसके पहले नॉर्मल अपना ही लगाते थे। हाल ही में स्टेटस लगाया था कि दोस्ती में किसी तीसरे के आने से गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए।
घटनास्थल के आसपास लोगों ने भी बताया कि विनय का कभी किसी गलत गतिविधि नहीं रहता था। बहुत सरल स्वभाव का था। हमेशा सबकी मदद के लिए आगे ही रहता था। इसके बाद विनय के घर से निकलकर हम घटना वाली जगह पर पहुंचे। मंत्री जी के घर के बगल में ही एक सिगरेट पान की गुमटी थी।
गुमटी में बैठे व्यक्ति से बात करने पर बताया कि इस घर में आने वाले लोग तो सिगरेट-मसाला लेने आते थे। लेकिन विनय कभी नहीं आया। बातचीत तो नहीं थी लेकिन शक्ल से पहचानते थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के बड़े बेटे की मौत नशे की लत की वजह से हो गई थी। इसके बाद से वह नशामुक्त अभियान चलाते हैं। ऐसे में उनके ही घर में शराब पार्टी और जुआ खेलना कहीं न कहीं सवाल खड़े करता है। समाज सुधारने का दावा करने वाले के घर में नशे की हालत में एक विनय की हत्या कर दी गई।