संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी के लगाए जा रहे आरोपों के बीच सरकार ने स्पष्ट किया है कि रद किए गए तीनों कृषि कानून भविष्य में लागू नहीं होंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि रद किए चा चुके कृषि कानूनों को भविष्य में लागू करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के स्वजन को मुआवजा का मामला संबंधित राज्य सरकारों के पास है
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम-किसान योजना के तहत इस साल आठ फरवरी तक 11.78 करोड़ लाभार्थियों को विभिन्न किश्तों के जरिये 1.82 लाख करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इनमें से 48.04 करोड़ लाभार्थी अयोग्य पाए गए हैं। तोमर ने बताया कि कोविड महामारी के बावजूद 2020-21 के दौरान कृषि निर्यात में 22.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 3,09,939 करोड़ रुपये पर पहुंच गया और जीडीपी में उसकी हिस्सेदारी 1.6 प्रतिशत की रही।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के दीक्षा समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आज सिर्फ परंपरागत कृषि से काम नहीं चलेगा। कृषि क्षेत्र को अनुसंधान, तकनीक व आधुनिक ज्ञान चाहिए। यह भी जरूरी है कि कृषि उत्पादों को उचित मूल्य मिले।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अनाज उत्पादन बढ़ा तो कृषि निर्यात भी बढ़ा। आज हम दुनिया के शीर्ष अनाज उत्पादक 10 देशों में शामिल हैं। जल्द शीर्ष पांच देशों में जगह बना लेंगे। उन्होंने छोटे जोत वाले किसानों पर ध्यान देने की जरूरत बताई। कार्यक्रम में आठ विदेशी छात्रों सहित 284 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
समारोह में संस्थान की ओर से विकसित आम की नई किस्म पूसा लालिमा, गुलाब की नई किस्म पूसा अल्पना, बैगन की उन्नत प्रजाति पूसा वैभव, विटामिन से भरपूर पालक की नई किस्म पूसा विलायती राष्ट्र को समर्पित किया गया। इसके अलावा जैव उर्वरक पूसा संपूर्ण भी राष्ट्र को समर्पित की गई।
इस बीच हरियाणा सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। एक साल तक चले आंदोलन के दौरान हजारों किसानों पर 272 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से 82 मुकदमे प्रदेश सरकार वापस ले चुकी है और रेलवे ट्रैक और जीटी रोड जाम करने से जुड़े 82 मुकदमों को रद करने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी थी, जिसकी अनुमति मिल गई है। राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि औपचारिकताएं पूरी होते ही इन मुकदमों को खारिज कर दिया जाएगा। बाकी बचे 104 मुकदमों को भी वापस लेने की प्रक्रिया तेजी से चलाई जा रही है।