आवास विकास की टीम एक बार फिर से इंदिरा नगर इलाके में पहुंच गई। सेक्टर 11 में चार आवास को टीम सील करने पहुंची थी। हालांकि उससे पहले भी करीब 100 से ज्यादा कारोबारी आवास विकास की टीम का विरोध करने लगे। व्यापारियों के विरोध के बाद आवास विकास के अधिकारियों ने मौके पर पुलिस बल को बुलाया।
मौके पर पुलिस के अधिकारी पहुंचे लेकिन कारोबारी उनके भी कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। आखिर में आवास विकास की टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा। व्यापारियों ने बताया कि इसके खिलाफ पूरे शहर में उग्र आंदोलन किया जाएगा। आरोप है कि आश्वासन के बाद भी टीम बिना बताए सीलिंग करने पहुंच गई।
हालांकि बड़े विरोध के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद देर शाम व्यापारियों ने इसको लेकर बैठक की। इसमें तय किया गया कि अगर एक भी दुकान या मकान सील किया जाता है कि तो इसके खिलाफ पूरे लखनऊ में आंदोलन किया जाएगा। इससे पहले यहां पहले भी तीन बार आवास विकास के खिलाफ आंदोलन हो चुका है।
व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा, जनता की आवश्यकता के अनुसार सरकार को मास्टर प्लान में बदलाव करना चाहिए। नीति बनाकर व्यापारी को नियमित करना चाहिए। उन्होंने कहा व्यापारी भू उपयोग परिवर्तन का शुल्क भी जमा करने को तैयार है। व्यापारियों को नई योजना बनाकर भू उपयोग परिवर्तन की अनुमति मिलनी चाहिए।
जानकारों का कहना है कि आवास विकास ने अभी तक इंदिरा नगर इलाके में करीब 1000 लोगों को नोटिस दे चुका है। इसमें वह सभी लोग शामिल है, जिसने आवासीय जमीन पर कॉमर्शियल काम किया है। यहां तक की अगर किसी ने घर में एक छोटा सा जनरल स्टोर भी खोला है तो उसको भी नोटिस दिया गया था।