अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा के बीच, पाकिस्तान के बड़बोले गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने स्वीकार किया है कि राजधानी इस्लामाबाद सहित उनके देश में अफगान तालिबान के परिवार रहते हैं। अहमद ने यह भी कहा कि तालिबान को पाकिस्तानी अस्पतालों में चिकित्सा उपचार मिलता है। टोलो न्यूज के अनुसार उनका बयान ऐसे समय में आया है जब युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सेना की वापसी की समयसीमा नजदीक आ रही है। तालिबान के हमले के कारण पिछले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान में हिंसा में वृद्धि देखी गई है।
शीद ने इस्लामाबाद उपनगरों के नाम का हवाला देते हुए पाकिस्तान में उर्दू भाषा के नेटवर्क को बताया कि तालिबानी परिवार पाकिस्तान में- रावत, लोई बेर, बारा कहुह और तरनोल में रहते हैं। कभी उनके शव आते हैं और कभी-कभी वे यहां अस्पतालों में उपचार के लिए आते हैं। बता दें कि पाकिस्तान पर तालिबान की सहायता करने और उन्हें अपने फायदे के लिए प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जाता रहा है और वह इससे इन्कार करता रहता है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान में तालिबान के पनाहगाहों की मौजूदगी से इन्कार किया था। उन्होंने कहा था कि आतंकवादी समूह के नेता अफगानिस्तान में हैं इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान में ऐसे संगठनों के अस्तित्व से इन्कार किया और कहा कि वह अब दशकों से इन बतों को सुन रहे हैं।
टोलो न्यूज को दिए इंटरव्यू में शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर तालिबान का बचाव किया था। इसके लिए उन्होंने आइएसआइएस पर दोष मढ़ा था। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान में हिंसा के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराना ‘अतिशयोक्ति’ होगी। अफगानिस्तान के भीतर आइएसआइएस जैसी ताकते मौजूद हैं। उन्हें युद्ध की स्थिति से लाभ होता हैं। वे अपने हित के आगे कुछ नहीं देख पा रहे। क्या तालिबान को पाकिस्तान फंड करता है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इससे बाहर निकलिए। अगर आप इसमें फंसे रहेंगे तो ज्यादा दूर तक नहीं जा पाएंगे। हम चाहते हैं कि आप लंबा सफर तय करें।