जिया खान बहुत अच्छी लड़की थी, उसने कभी मुझ पर पर्सनली या मीडिया में आरोप नहीं लगाए। उसकी फैमिली में कोई काम नहीं करता था। जिया के पास जब तक पैसे थे तब तक ही उसकी फैमिली साथ थी।
जब जिया को प्यार और हेल्प की जरूरत थी, तब उसके साथ सिर्फ मैं था, उसकी फैमिली नहीं। इसी वजह से उसने सुसाइड किया। उसकी मां कभी अच्छे डॉक्टर के पास लेकर नहीं गईं। वो सिर्फ जिया को काम करने के लिए पुश करती थीं। उन्होंने कभी जिया के मेंटल इलनेस का ख्याल नहीं रखा।
ये बातें हाल ही में कोर्ट से बरी हुए एक्टर सूरज पंचोली ने कही है। उनके ऊपर पिछले 10 साल से एक्ट्रेस जिया खान को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस चल रहा था। 28 अप्रैल को उन्हें इन सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया। इन सभी चीजों को लेकर उन्होंने हाल ही में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत की है।
सूरज ने कहा, ‘जजमेंट से एक रात पहले सो नहीं पाया था। इतने सालों में जो झेला था वो सब मेरे मन में था। मैं फिर भी जज के किसी भी फैसले के लिए रेडी था। मैंने पूरा ट्रायल फेस किया है, जिसे किसी ने नहीं देखा था। चाहे मेरी फैमिली ही क्यों न हो।
उम्मीद तो थी कि हम कोर्ट से पॉजिटिव रिस्पॉन्स लेकर ही बाहर आएंगे। मेरे खिलाफ इनके पास कुछ था ही नहीं। मुझ पर पूरी तरह गलत केस डाला गया, जिसका सामना करते-करते मेरे 10 साल निकल गए।’
सूरज से पूछा गया कि फिल्म इंडस्ट्री से उन्हें किसने सबसे ज्यादा सपोर्ट किया। जवाब में उन्होंने कहा, ‘यकीनन सलमान भाई नंबर वन पर थे। जो उन्होंने मेरे लिए किया है, वो किसी ने नहीं किया है। यहां तक कि मेरी फैमिली ने उतना नहीं किया है। इसके अलावा मुझे थोड़ा भूषण कुमार सर, रेमो सर और अहमद खान सर से सपोर्ट मिला। हालांकि जैसा सपोर्ट प्रोड्यूसर और स्टूडियो को करना चाहिए था, वैसा कोई नहीं कर पाया।’
सूरज ने कहा, ‘न सिर्फ प्रोफेशनल फ्रंट पर, बल्कि अपने दोस्तों, फैमिली मेंबर्स या नए लोगों से जब भी मिलता था, मेरे लिए सबका एक ही व्यू प्वाइंट होता था। मैं काम के लिए हर प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्टूडियो के यहां गया, मगर उनका एक ही रिप्लाई रहता था कि सूरज आपके केस में क्या हो रहा है?
उस वक्त मेरे पास कोई जवाब नहीं होता था। मेरे दोस्त, मेरे फ्रेंड, मेरे स्टाफ सभी पूछते थे कि सूरज आपकी अगली फिल्म कब आ रही है। पर मैं उन्हें क्या जवाब देता। मैं उन्हें क्या कहता कि जब तक मेरे पास कोर्ट से एक क्लीन चिट ना हो तब तक मेरे पर कौन हाथ डालेगा।’
कोई भी कंपनी AD देने को तैयार नहीं थी सूरज ने कहा कि इस केस की वजह से कोई भी कंपनी उनके साथ करार नहीं करती थी। उन्होंने कहा, ‘नुकसान एडवर्टाइजमेंट वाले फ्रंट पर भी हुआ। जी हां, एक भी AD देने वाली कंपनियां या फिर एंडोर्समेंट कराने वाले लोग आपको क्यों लेंगे, जब आप पर एक पेंडिंग केस है। मेरा काफी काम इसलिए भी गया, क्योंकि मुझ पर ट्रैवलिंग के भी रिस्ट्रिक्शन थे।’
सूरज से पूछा गया कि अगर ये केस हाईकोर्ट जाता है, फिर उनका क्या रिएक्शन होगा। जवाब में सूरज ने कहा,’हमने 10 साल इसी पर मेहनत की है। हर एविडेंस का जवाब दिया है। इसका अब कुछ नहीं हो सकता है। कोर्ट में ये साबित हो गया है कि वो सुसाइड नोट जिया ने नहीं बल्कि उसकी मदर ने लिखा था।
मेरी तो गुजारिश है कि सबसे पहले ये खबर चलाई जाए कि जिस बेसिस पर मेरी गिरफ्तारी हुई वो बात झूठी थी। इस सुसाइड नोट की वजह से मेरा कंप्लीट टॉर्चर और हैरेसमेंट किया गया।’
सूरज ने हैंडराइटिंग वाले मसले को लेट क्यों उठाया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझ पर आरोप लगने के 8 साल बाद इस मसले को उठाने का मौका मिला, लेकिन तब तक कोविड आ गया और फिर हम कुछ नहीं कर पाए। रहा सवाल शुरू में इस मुद्दे को उठाने का तो इन्वेस्टिगेशन कैसे की जानी है, वो हमारा कॉल नहीं हो सकता।
ये पुलिस एजेंसी का काम है। हां हम अपने बचाव में अपनी बात तब रख सकते हैं, जब केस पर ट्रायल शुरू हो। आरोप लगने के 8 साल बाद मुझे इस केस में कुछ करने का मौका मिला।
10 साल बाद हैंडराइटिंग एक्सपर्ट कह रहे हैं कि वो लिखावट जिया की नहीं थी, बल्कि उनकी मां राबिया खान की थी। तो फिर मुझे अरेस्ट क्यों किया गया? बहरहाल अब कोई भी इंसान हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट चले जाए या उससे ऊपर भी कहीं चले जाए,अब कुछ नहीं हो सकता।’
जिया के साथ दोस्ती थी या उससे बढ़कर कुछ था। इसके जवाब में बोलते हुए सूरज ने कहा, ‘जिया को मैं सिर्फ 5 महीने से जानता था। उस टाइम पर मैं सिर्फ 20 साल का था। जेहन में ज्यादा कुछ आगे का नहीं था। मेन फोकस करियर पर था। एक दोस्त होने या पार्टनर होने के नाते मुझसे जितना बन पाया, मैंने उसकी मदद की थी।
उस वक्त जिया को बॉयफ्रेंड या दोस्तों की मदद से ज्यादा फैमिली के सपोर्ट की जरूरत थी। लेकिन फैमिली कभी उसके साथ नहीं रही। जिया जब तक पैसे कमाती रही, तब तक उसकी फैमिली उसके साथ रही। 5 लोग की फैमिली में उसके अलावा कोई कमाने वाला नहीं था। जब उसे प्यार और मदद की जरूरत थी, तो वहां सिर्फ मैं मौजूद था।’