मिट्टी में मिला देंगे’ से शुरू हुई निकाय चुनाव की सियासत ‘नो कर्फ्यू-नो दंगा, यूपी में सब चंगा’ पर खत्म हुई। निकाय चुनाव की तारीख से लेकर मतदान तक हर दिन नेताओं के भाषण चर्चा में रहे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे ज्यादा 50 सभाएं और रोड शो किए। विपक्ष और माफियाओं पर आक्रामक रहे, लेकिन कहीं भी अतीक-अशरफ का नाम नहीं लिया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अलीगढ़-कानपुर समेत 7 जिलों में जनसभाएं करके योगी सरकार को घेरा। बसपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों ने तो लड़ाई लड़ी, लेकिन उनकी तरफ से बड़े नेता चुनावी मैदान में नहीं दिखे।
हर दिन बदलते सियासी समीकरण के बीच अब 13 मई का इंतजार है, जब रिजल्ट के साथ प्रत्याशियों का भाग्य तय होगा। लेकिन इन सबके बीच उन बयानों को भी जानना चाहिए जिसने माहौल को बदल कर रख दिया।
प्रदेश के 17 नगर निगम, 760 शहरी निकाय, 199 नगर परिषद, 544 नगर पंचायत, 1420 नगर सेवक और परिषद पंचायतों के करीब 12 हजार 500 सदस्यों के लिए वोटिंग 11 मई को पूरी हो गई। बीजेपी ने इस चुनाव को सबसे ज्यादा मजबूती से लड़ा।
सीएम योगी ने प्रचार की कमान खुद अपने हाथ में ली। उन्होंने 43 जिलों में 13 दिन के अंदर 50 जनसभाओं और रोड शो में जनता को संबोधित किया। हर जनसभा में वहां की राजनीतिक परिस्थिति के हिसाब से बयान और घोषणाएं की।
सीएम योगी ने पूरे चुनाव प्रचार में माफिया शब्द का प्रयोग तो किया, लेकिन कहीं अतीक अहमद और अशरफ का नाम नहीं लिया। 2 मई को योगी जब प्रयागराज पहुंचे, तो लगा कि वह अतीक-अशरफ का नाम लेंगे। मगर, ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत रामचरितमानस की एक पंक्ति से की। वो पंक्ति थी- ‘करम-प्रधान बिस्व करि राखा, जो जस करई सो तस फल चाखा।’
इसके बाद कहा, “प्रयागराज की धरती अत्याचार बर्दाश्त नहीं करती। प्रकृति न्याय जरूर करती है। जो जैसा करेगा, उसे वैसा ही फल मिलता है। जिन लोगों ने अन्याय किया था उनका न्याय प्रकृति ने कर दिया।”
निकाय चुनाव प्रचार की शुरुआत योगी ने 24 अप्रैल को सहारनपुर के महाराज सिंह डिग्री कॉलेज से की। यहां उनके भाषण की दो लाइनें सबसे ज्यादा ज्यादा चर्चा में रहीं। पहली- “नो कर्फ्यू-नो दंगा, यूपी में सब चंगा।” दूसरी- “रंगदारी न फिरौती, अब यूपी नहीं है किसी की बपौती।” उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि माफिया और अपराधी आज अतीत की बात हो गए हैं। यूपी अब सुरक्षा, समृद्धि और रोजगार के प्रतीक के रूप में आगे बढ़ रहा है।
9 मई को योगी कानपुर में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में रैली करने पहुंचे। यहां सपा पर आक्रामक हुए और कहा- ”कभी कानपुर कर्फ्यू के लिए जाना जाता था। सपा सरकार में यहां कट्टे बनते थे। आज डिफेंस कॉरिडोर का नया नोड तैयार हो रहा है। एयरपोर्ट बन गया है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस हाईवे अब नई पहचान बना रहा है।”
8 मई को योगी बाराबंकी में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। उन्होंने कहा- ”ये कूड़ा नहीं, बल्कि सपा-बसपा के कचरे को साफ करने का चुनाव है। उनकी गंदगी की सफाई का, उनकी अराजकता और उनके अवसरवादिता को साफ करने का चुनाव है।”
अखिलेश यादव ने कुल 7 जगहों पर रैलियां कीं। इसमें गोरखपुर, सहारनपुर, लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, मिर्जापुर और कन्नौज शामिल रहा। 1 मई को गोरखपुर में सभा की। कहा- “बरसात में यहां गाड़ी नहीं नाव चलती है। सड़क नीचे है और नाली ऊपर। जो सरकार नाले ना बना पाई हो, वह मेट्रो क्या चलाएगी। प्रदेश में जहां भी मेट्रो चल रही सब सपा की देन है, बीजेपी तो हिन्दू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा करती है।”
3 मई को अखिलेश कन्नौज में प्रचार करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा- “भाजपा जब भी सपा से टक्कर नहीं ले पाती, तो बसपा का सहारा लेती है। इस बार भी यहां ऐसा ही हुआ है। कार्यकर्ताओं से अपील है कि धोखा देने वालों से दूरी बनाइए। जब हम सत्ता में थे तो वह मलाई चाटने आते थे। अब सत्ता नहीं है तो दूसरा ठिकाना तलाश रहे हैं।”
बरेली के फरीदपुर नगर पालिका में अपनी पार्टी इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने एक जनसभा में अतीक अहमद और अशरफ को लेकर विवादित बयान दिया। तौकीर ने कहा- “अतीक और अशरफ की हत्या का बदला लेना है। आजम खान की जिल्लत का बदला लेना है। मुसलमानों अगर तुम नहीं बदले, तो इससे भी बुरा हश्र होगा।”
बरेली में चुनाव प्रचार करने पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- “लक्ष्मी जी हमेशा कमल के फूल पर ही बैठकर आती हैं। साइकिल और हाथी पर बैठकर नहीं आती। पहले यूपी में दंगे होते थे लेकिन अब एक भी दंगा नहीं होता, क्योंकि गुंडे यूपी से भाग गए हैं।”
उन्नाव के बीजेपी सांसद साक्षी महाराज औरैया में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा- “अखिलेश अगर एक तमंचा दिखा दें, तो हम बुलडोजर भेज देंगे। पहले जो चाहे वही तमंचा लेकर घूमता था, गाली दे रहा था लेकिन अब तमंचा गायब हो गया है। अब गांव के लोग हेलिकॉप्टर से उड़े, उन्हें क्या दिक्कत होगी।”
यूपी सरकार के दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 6 मई को कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा- “कांग्रेस की मति मारी गई है। जो लोग देश की विरासत और संस्कृति का झंडा लेकर चलने की बात करते हैं, उन बजरंग दल वालों को कर्नाटक में बैन करने की बात कही जा रही है।”
इसके अलावा इटावा में प्रचार करने पहुंचे ब्रजेश पाठक ने कहा, ”जब से राज्य में सपा की सरकार आई तब से गुंडा और गुंडाराज दोनों खत्म हो गए। समाजवादी पार्टी का नारा है खाली प्लॉट हमारा है। अब तो माफिया कांपते हैं।”
आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह ने जमकर चुनाव प्रचार किया। पार्टी ने दावा किया है कि संजय ने 90 से ज्यादा सभाएं कीं। मेरठ की एक सभा में उन्होंने कहा- ”भाजपा के लोग ना राम के हैं, ना काम के हैं। इन लोगों के पास गंजों को कंघी बेचने का हुनर है। यह डबल इंजन वाली सरकार मोदीजी के इंजन अडानी के लिए काम करती है।”
यूपी सरकार के मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी 8 मई को इटावा में बीजेपी प्रत्याशी का प्रचार करने पहुंचे। इस पर कुछ पत्रकारों ने शिवपाल से प्रतिक्रिया ली। शिवपाल ने कहा, “नंदी प्रयागराज में सपा को जिताने का काम कर रहे हैं। वह इटावा के मंच पर कुछ भी बोले लेकिन स्टेज के पीछे वह सपा को ही जिताने का काम कर रहे हैं।”
बसपा और कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी तो हर जगह खड़े किए गए, लेकिन चुनाव प्रचार में बड़े नेता मौजूद नहीं रहे। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल और कांग्रेस के बृजलाल खाबरी ने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं की और लोगों से वोट मांगा। कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर रही। बसपा का हमला बीजेपी के साथ सपा पर भी रहा।