पिरामिडों के अद्भुत देश मिस्र में एक प्राचीन मंदिर से महारानी का अमूल्य खजाना मिला है. पुरातत्वविदों का मानना है कि यह मंदिर रानी नेइत का है जो 2323 ईसापूर्व से 2150 ईसापूर्व तक शासन करने वाले राजा तेती की पत्नी थीं. इस मंदिर की खोज मिस्र के पूर्व मंत्री और चर्चित पुरातत्वविद जही हवास के नेतृत्व में काहिरा के दक्षिण में स्थित सक्कारा कब्रिस्तान से पुरातत्वविदों के एक दल ने की है.
पुरातत्वविदों के इस दल को 52 लकड़ी के बने ताबूत भी मिले हैं. ये सभी न्यू किंगडम काल के हैं और 40 फुट की गहराई में मिले हैं. इसके अलावा इस स्थान से 13 फुट लंबा भोजपत्र मिला है जिसमें बुक ऑफ डेड की बातें लिखी हुई हैं. प्राचीन मिस्र में इस किताब के जरिए मृतकों को दूसरी दुनिया (अंडरवर्ल्ड) में भेजा जाता था. हवास ने बताया कि पुरातत्वविदों को दफनाने के स्थल, ताबूत और ममी मिली हैं जो न्यू किंगडम के काल की हैं. न्यू किंगडम ने मिस्र में 1570 ईसापूर्व से लेकर 1069 ईसापूर्व तक शासन किया था.
मिस्र के सक्कारा इलाके में एक दर्जन से ज्यादा पिरामिड हैं और पशुओं के दफनाने की जगह है. इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया है. हवास ने कहा कि तेती के पिरामिड के पास पिछले एक दशक से काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस मंदिर की खोज राजा तेती के पिरामिड के नजदीक हुई है जहां राजा को दफन किया गया था. सक्कारा स्थल प्राचीन मिस्र की राजधानी मेमफिस का हिस्सा है. इसी में विश्व प्रसिद्ध गीजा के पिरामिड स्थित हैं.
मेमफिस के अवशेषों को यूनेस्को हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है. हाल के दिनों में मिस्र ने कई खोजों को दुनिया के सामने पेश किया है और उसे उम्मीद है कि इस कोरोना काल में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. इससे पहले नवंबर महीने में 100 ताबूत मिले थे. ये करीब 2500 साल पुराने थे. उस समय पर्यटन मंत्री ने कहा था कि सक्कारा से सभी चीजें निकलना अभी बाकी हैं. हवास ने कहा कि इस ताजा खोज से न्यू किंगडम के दौरान सक्कारा के इतिहास के बारे में नई जानकारी मिलने की उम्मीद है.
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ