मुंबई में विशालकाय होर्डिंग के गिरने से आठ की मौत के नगर निगम सक्रिय हो गया है। प्रचार विभाग की ओर से बारिश से पहले खतरनाक होर्डिंग व यूनीपोल को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एजेंसियों को कहा गया है कि वह तीन दिन के अंदर अपनी खतरनाक होर्डिंग व यूनीपोल हटा ले। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उसके बाद कार्रवाई होगी।
हालांकि इकाना स्टेडियम के पास यूनीपोल गिरने से बच्ची की मौत के बाद भी लापरवाही जारी है। नगर निगम के अल्टीमेटम देने के बाद भी उनकी ओर से मुख्य मार्गों से होर्डिंग व यूनीपोल को नहीं हटाया गया है। सरकारी विभागों के नाम पर लगाई गईं एलईडी स्क्रीनें रौशन हो रही हैं।
शहर में दुर्घटना का सबब बन चुकी अवैध होर्डिंग और कमजोर यूनिपोल आंधी, बारिश में गिरने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बावजूद पॉलीटेक्निक से लेकर कई प्रमुख चौराहों पर एलईडी स्क्रीनें नहीं हटाई गई हैं।
प्रचार प्रभारी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि विज्ञापन एजेंसियों को चेतावनी दी गई है कि यदि मानकों के विपरीत या अवैध होर्डिंग पाई गईं तो मुकदमा दर्ज होगा। बताया कि एजेंसियों को नोटिस दी गई कि उनके द्वारा निजी भूमि / भवन पर स्थापित किये गए विज्ञापन स्ट्रक्चर जिसकी साईज मानक से अधिक है, आंधी तूफान के कारण ऐसे विज्ञापन स्ट्रक्चरों से जन धन के नुकसान सम्भावित है। नियमानुसार विज्ञापन पटों की साईज को मानक के अनुरूप कर लिया जाए।
परन्तु अभी तक विज्ञापन स्ट्रक्चर की साईज मानक के अनुसार कम नहीं किया गया है। एजेंसियों का यह कृत्य नगर निगम के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जो अत्यन्त खेदजनक है। विज्ञापनों का वित्तीय वर्ष 2023-24 की अनुज्ञा शुल्क व पूर्व वर्षों की अवशेष सहित कुल धनराशि जमा कराये जाने का निर्देश दिया गया था साथ ही 7 दिवस में विज्ञापन स्ट्रक्चर का भवन स्वामियों से किए गए अनुबन्धनामा एवं विज्ञापन स्ट्रक्चरों के मजबूती का स्ट्रक्चर इंजीनियर द्वारा जारी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गयी थी।
यह भी नहीं दी गई। अब एक बार फिर 3 दिन के अंदर नियमानुसार विज्ञापन पट्ट की ऊंचाई अधिकतम 62 व चौड़ाई 12.4 मीटर करते हुए भवन स्वामियों से किये गये अनुबन्ध-नामा एवं विज्ञापन स्ट्रक्चरों के मजबूती का स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा जारी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
इसके बाद विधिक कार्यवाही की जायेगी। भविष्य में यदि आंधी तूफान व अन्य कारणों से विज्ञापन स्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त होने से जन मानस व अन्य किसी प्रकार की हानि होती है तो क्षतिपूर्ति का समस्त उत्तरदायित्व एजेन्सी व संस्था एवं भवन स्वामी का होगा