निशातगंज से आईटी चौराहे को जाने वाले इंदिरा ब्रिज के खराब हुए हिस्से का काम रेलवे कराएगा। ब्रिज के क्षतिग्रस्त कॉलम व फाउंडेंशन की मरम्मत की जिम्मेदारी रेलवे की है क्योंकि वह हिस्सा पटरी के ऊपर से गुजरता है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि पुल का क्षतिग्रस्त हिस्सा रेलवे की सीमा के अंतर्गत आता है। ऐसे में सेतु का अनुरक्षण रेलवे द्वारा किया जाता है।
इसको लेकर लोक निर्माण विभाग की ओर से पूर्वोत्तर रेलवे के मंडलीय रेलवे प्रबंधक को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। इसमें बताया गया कि स्टील कॉलम नींव के पास जंग लगने से जर्जर स्थिति में हैं। कॉलम के फाउंडेंशन की कांक्रीट भी जगह-जगह क्रेक हो गई है। ऐसे में इसको तत्काल ठीक करना जरूरी है।
यहां 25 फरवरी से इंदिरा ब्रिज पर आवागमन बंद कर दिया गया है। सेतु की सुरक्षा के लिए यदि यातायात बंद रखना जरूरी है तो ट्रैफिक प्रशासन व पीडब्ल्यूडी को सूचित करें। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के मुताबिक डालीगंज-बादशाहनगर-गोमती नगर-मल्हौर स्टेशनों के मध्य दोहरीकरण लाइन बिछाने के कारण प्री-नॉन इंटरलॉक, नॉन इंटरलॉक के कारण पहले से ट्रेनों को रद्द करने के साथ रूट बदले गए हैं। साथ ही सभी अंडरपास क्रासिंग भी बंद किया गया है। तीन मार्च तक यह रेल खंड प्रभावित रहेगा। इस दौरान क्रासिंग बंद रहेंगी।
पुराने लखनऊ से ट्रांस गोमती को जोड़ने में इस पुल का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा इंदिरा नगर समेत 15 से ज्यादा इलाकों के छात्र और बाकी लोग एलयू इसी रास्ते से जाते हैं। ऐसे में एक लाख से ज्यादा वाहन यहां से प्रतिदिन गुजरते हैं लेकिन अब उसको बंद कर दिया गया है। दो दिन से वाहन चालकों को छन्नीलाल चौराहा और गोल मार्केट होकर आना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक रेलवे ट्रैक के ठीक ऊपर इस आरओबी के गर्डर में जंग लगने के साथ दरारें दिखाई दे रही हैं। इस पर रेलवे ने सुरक्षा मानकों पर चिंता जताई थी। ऐसे में आरओबी को एहतियातन बंद किया गया।