दिल्ली पुलिस अधिकारियों की वर्दी पर बुधवार से यानि 75वें स्थापना दिवस से नया प्रतीक चिन्ह नजर आएगा। ये प्रतीक चिन्ह एक बैज की शक्ल में होगा। दिल्ली पुलिस बुधवार को अपना 75वां स्थापना दिवस मना रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस की स्थापना दिवस परेड के दौरान सलामी ली। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के ही अधीन आता है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के आदेश के बाद नया प्रतीक चिन्ह वर्दी पर लगाया जाएगा।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को एक आदेश जारी करते हुए दिल्ली पुलिस के स्थापना दिवस यानि 16 फरवरी से सभी रैंक के अफसरों व कर्मचारियों को अपनी वर्दी पर दाहिनी तरफ नेमप्लेट के ऊपर इस प्रतीक चिन्ह को पहनने के आदेश दिए हैं। इस चिन्ह में एंब्रॉयडी और मेटल दोनों तरह के वर्जन किस तरह के होंगे, उसकी तमाम बारीकियां बताई गई हैं। पुलिस आयुक्त ने ये भी कहा है कि दिल्ली पुलिस की स्थापना की प्लेटिनम एनिवर्सरी को मनाने के दौरान यह आवश्यक है कि हम अपने संगठन के उस विलक्षण सम्मान को याद रखें, जो 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने दिल्ली पुलिस को प्रदान किया था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार लाल व नीले रंग के मिश्रण वाले इस प्रतीक चिन्ह में बीच में इंडिया गेट की आकृति बनी होगी और उसे ऊपर दिल्ली पुलिस लिखा होगा। नीचे की तरफ दिल्ली पुलिस का स्लोगन शांति सेवा न्याय और बाहरी हिस्से में फॉर दि नेशनल कैपिटल लिखा होगा।
बता दें की एक अख़बार की कटिंग और एक लोगो वायरल हो रहा है । सोशल मिडिया पर इस परिवर्तन का विरोध हो रहा है और कहा जा रहा है की मौर्य कालीन इतिहास को मिटाने का एक और शिगूफा तैयार है और अब यह सच भी हो गया है । यह कार्य निंदनीय है ।
लेकिन हमारी पड़ताल में पता चला है की नेमप्लेट के ऊपर से अशोक की लॉट नहीं हटाई गई है । सोशल मिडिया पर वायरल खबर फर्जी है । वर्तमान में जारी की गई वयवस्था नए नाम प्लेट की है । बाकि नाम प्लेट वही हैं । सोशल मिडिया की खबरें परखने के बाद ही विश्वास करें ।
अतिरिक्त ज्ञान जिसे सीख लें काम आएगा
अशोक चिह्न भारत का राजकीय प्रतीक है। इसको सारनाथ में मिली अशोक लाट से लिया गया है। मूल रूप इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर हाथी, घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं जो दौड़ती हुई मुद्रा में है। ये गोलाकार आधार खिले हुए उल्टे लटके कमल के रूप में है। हर पशु के बीच में एक धर्म चक्र बना हुआ है। राष्ट्र के प्रतीक में जिसे 26 जनवरी 1950 में भारत सरकार द्वारा अपनाया गया था केवल तीन सिंह दिखाई देते हैं और चौथा छिपा हुआ है, दिखाई नहीं देता है। चक्र केंद्र में दिखाई देता है, सांड दाहिनी ओर और घोड़ा बायीं ओर और अन्य चक्र की बाहरी रेखा बिल्कुल दाहिने और बाई छोर पर। घंटी के आकार का कमल छोड दिया जाता है। प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है।