बिजली कटौती निजात नहीं दिलाने पर पावर कॉर्पोरेशन के इंजीनियर उपभोक्ताओं के साथ धोखा करने लगे है। कटौती पर शिकायत करने के बाद समस्या का समाधान नहीं कराया जा रहा है लेकिन कागजों पर उसका समाधान कर दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसका खुलासा किया है।
उन्होंने बताया कि 1912 की हकीकत जानी तो पता चला कि समस्या का समाधान हुआ नहीं और उसको कागजों पर सही कर दिया गया है। दरअसल, 11 केवी और एलटी लाइन की वजह से आने वाली खराबी दो घंटे में सही होनी चाहिए। अब दो घंटे में कई बार मौके पर लोग नहीं पहुंच पा रहे है। यहां तक की फॉल्ट खोजने में दिक्कत हो जाती है। ऐसे में 2 घंटे बाद कागजों पर दिखा दिया जाता है कि समस्या का समाधान हो गया है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं से बात करने पर पता चला कि पूरे प्रदेश में इंजीनियरों ने फोन उठाना बंद कर दिया है। स्थिति यह है कि उपभोक्ता फोन करते रहते है और इंजीनियर फोन नहीं उठाता है। इस्माईलगंज द्वितीय वार्ड के पूर्व पार्षद आरपी सिंह ने ने बताया कि कमता के एसडीओ ने फोन करने पर फॉल्ट सही करवाने की जगह पर जवाब दिया कि कटिया लगाने की वजह से फॉल्ट हो रहा है। अब बिजली चोरी न हो यह देखने की जिम्मेदारी भी विभाग की है।
उपभोक्ता परिषद ने इसको लेकर पावर कॉर्पोरेशन के एमडी व निदेशक कॉमर्शियल से मुलाकात की। उन्होंने इसको लेकर जरूरी निर्देश देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से पहले से कोई तैयारी नहीं करने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ब्रेकडाउन व किसी भी व्यवधान पर उपभोक्ता द्वारा अभियंताओं से फोन पर जानकारी लेना उनका अधिकार है।