दुनिया के धनी और विकसित देशों में शुमार ब्रिटेन में कम आय वाले अधिकतर लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। ब्रिटेन में खाद्य संबंधित मुद्दों पर काम करने वाली संस्था द फूड फाउंडेशन ने एक सर्वेक्षण में बताया कि हालात देश में 20 लाख से अधिक वयस्क भोजन का खर्च तक नहीं जुटा पा रहे है।
देश में लोग ईंधन पर खर्च से बचाने के लिए पकाए जाने वाले भोजन के बजाए बिना पकाए खाने वाले भोजन को प्राथमिकता दे रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लाखों लोगों ने पहले की तुलना में खान-पान में काफी कटौती कर दी है। देश में खाद्य पदार्थों की कीमतों में सालाना 7% का इजाफा हो रहा है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति 10 तक पहुंच सकती है, क्योंकि ईंधन और भोजन की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट पर काफी दबाव डाला है। संस्था ने यह भी बताया कि ब्रिटेन के लोग खाना पकाने से परहेज कर रहे हैं। इसके विकल्प के रूप में ऐसे भोजन को प्राथमिकता दे रहे हैं,जिन्हें पकाने की आवश्यकता नहीं होती।
यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इक्विटी के निदेशक प्रोफेसर सर माइकल मर्मोट ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि समाज में काफी लोग मौलिक चीजों से वंचित हो रहे है। उन्होंने कहा, खाद्य असुरक्षा के ये आंकड़े और भी ज्यादा चौंकाने वाले हैं क्योंकि समाधान की बात तो दूर यह समस्या निरंतर बद से बदतर होती जा रही है।