स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को लेकर दिए विवादित बयान से सपा ने पल्ला झाड़ लिया है। मंगलवार को जसवंतनगर पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा, “रामचरित मानस पर दिया गया स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान उनका व्यक्तिगत है। इसका सपा की विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। हम राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं।” बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव भी स्वामी प्रसाद के बयान से नाराज हैं। वह एक-दो दिन में इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।
शिवपाल यादव ने इस दौरान भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने मीडियाकर्मियों से पूछा, क्या बीजेपी अपने वचनों पर चल रही है? इसके बाद उन्होंने रामायण की एक चौपाई-रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाए…सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान कभी झूठ नहीं बोलते हैं। भाजपा पर तंज कसते हुए कहा- ये लोग तो भगवान राम को ही बेच रहे हैं।
जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह ने इटावा के चोगुर्जी स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हर जगह समाजवादी पार्टी से लोग जुड़ रहे हैं। जनाधार बढ़ता जा रहा है। भाजपा के खिलाफ माहौल बन गया है। आगामी चुनाव में भाजपा को भगाना है। सपा को लाना है।
इससे पहले सपा के प्रवक्ता आईपी सिंह ने भी मौर्य के बयान पर कहा था, “आस्था पर सवाल नहीं होते, चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हो। रामचरित मानस पर सवाल उठाना गलत है।” वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता मनोज पांडेय ने कहा, “रामचरितमानस आस्था का केंद्र है।”
काशी में मौर्य की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। मंगलवार को मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में 100 से ज्यादा महिला और पुरुष भक्तों ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि ऐसे नेताओं की बुद्धि दुरुस्त हो। हाथों में पोस्टर और पंपलेट लेकर सनातन धर्म का विरोध बंद करने वालों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। जय हनुमान के जयघोष लगाए। कहा कि विरोधी पहले गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘श्रीरामचरित मानस’ को पढ़कर उसका भावार्थ समझें। फिर, टिप्पणी नहीं करेंगे।इस दौरान लोगों ने कहा कि सनातन धर्म पर प्रहार के खिलाफ हम लोग मंगलवार को हनुमान मंदिर में इकट्ठा हुए हैं। भगवान से प्रार्थना की कि ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को सद्बुद्धि मिले। हिंदू सनातन धर्म ‘श्रीरामचरित मानस’ पर कोई भी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं कर सकते
चित्रकूट के तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मौर्य सठिया गए हैं। उन्होंने कहा कि मौर्य जैसे लोग, जिनको करिया अक्षर भैंस बराबर सुन्ना जैसे पड़वा भी नहीं आता। वह रामचरितमानस पर क्या टिप्पणी करेंगे
सोमवार को भी वाराणसी में अलग-अलग जगहों पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विरोध में प्रदर्शन हुए। अखिल भारतीय अखाड़ा संत समिति के महामंत्री से लेकर आम हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था।
वाराणसी के नदेसर स्थित विवेकानंद प्रतिमा के सामने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन हुआ। स्वामी प्रसाद का 10 सिर वाला रावण रूपी पुतला दहन किया। इस दौरान लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य मुर्दाबाद के नारे लगाए।