70 के दशक की सबसे बोल्ड और खूबसूरत एक्ट्रेस जीनत अमान आज 72 साल की हो चुकी हैं। महज 19 साल की उम्र में मिस इंडिया पेजेंट का हिस्सा बनीं जीनत एक राइटर हुआ करती थीं, हालांकि खूबसूरती के चलते उन्हें पहले मॉडलिंग और फिर फिल्मी दुनिया में जगह मिल गई। उम्र के इस पड़ाव में भी जीनत अमान की गिनती हिंदी सिनेमा की 10 सबसे ज्यादा हॉट एक्ट्रेसेस में होती है। इन दिनों जीनत अपनी जिंदगी के कुछ यादगार किस्से सोशल मीडिया पर शेयर कर चर्चा में रहती हैं।
हरे रामा हरे कृष्णा, यादों की बारात और सत्यम शिवम सुंदरम जैसी कई ब्लॉकबस्टर हिट फिल्में देकर जीनत स्टार तो बनीं, लेकिन उनकी निजी जिंदगी कई ट्रेजेडी के नाम रही। 1978 में उन्होंने एक्टर संजय खान से सीक्रेट शादी की और फिल्मों से दूरी बना ली। लेकिन चंद दिनों बाद ही संजय उनके साथ मारपीट करने लगे। एक बार संजय खान ने जीनत अमान के साथ सरेआम मारपीट की थी, जिससे उनका जबड़ा टूट गया और उनकी एक आंख ताउम्र के लिए बिगड़ गई। इस एब्यूसिव रिश्ते से निकलकर जीनत ने घर बसाने के लिए मजहर खान से दूसरी शादी की और इंडस्ट्री छोड़ दी। एक साल बाद ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया। पछतावा होने के बावजूद जीनत ने अपनी शादी बरकरार रखी। ट्रेजेडी का सबसे बड़ा नमूना वो रहा जब एक्ट्रेस ने 67 साल की उम्र में बताया कि चंद सालों पहले उनका रेप हुआ।
19 नवंबर 1951 को जीनत अमान का जन्म बॉम्बे में स्क्रीनराइटर अमानउल्लाह खान के घर हुआ। अमानउल्लाह खान मुगल-ए-आजम और पाकीजा जैसी बेहतरीन फिल्मों के स्क्रीनराइटर थे। कम उम्र में ही जीनत के मां-बाप का तलाक हो गया, ऐसे में मां वर्धिनी ने अकेले उनकी परवरिश की। महज 13 की ही हुई थीं, जब पिता की मौत हो गई।
पिता की मौत के बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली और जीनत को अपने साथ जर्मनी ले गईं। भारत से अचानक जर्मनी जाने के चलते जीनत की पढ़ाई छूट गई। कुछ समय बाद जीनत भारत लौट आईं। भारत आकर जीनत अमान ने फिल्मफेयर मैग्जीन के लिए लिखना शुरू कर दिया। वो इस कदर खूबसूरत थीं कि उन्हें मॉडलिंग का भी काम मिलने लगा।
कुछ समय तक मॉडलिंग करने के बाद 19 साल की उम्र में उन्होंने मिस इंडिया पेजेंट में हिस्सा लिया। इस पेजेंट में दूसरा स्थान हासिल कर जीनत ने मिस एशिया पेसेफिक इंटरनेशनल में भारत को रिप्रेजेंट किया और जीत हासिल की। ये पेजेंट जीतने वाली जीनत भारत की पहली शख्स थीं।
मिस एशिया पेसिफिक का खिताब जीतने के बाद जीनत को लगातार फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। उनकी पहली फिल्म 1970 की द इविल विदिन थी, जिसमें वो देव आनंद के साथ नजर आई थीं। इसके बाद उन्हें 1971 में फिल्म हंगामा और हलचल मिली। जीनत अमान की शुरुआती तीनों फिल्में बुरी तरह फ्लॉप रही थीं।
जीनत ने मान लिया कि फिल्मों में काम करते हुए वो कुछ हासिल नहीं कर पाएंगी। इसी सोच के साथ उन्होंने अपने परिवार के साथ भारत छोड़कर माल्टा जाने का फैसला कर लिया। उन्होंने जाने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन देव आनंद के एक कॉल से उनकी किस्मत पलट गई।
देव आनंद ने हिप्पी कल्चर पर फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा बनाने का फैसला किया तो मॉडर्न, वेस्टर्नाइज हिप्पी लड़की के रोल का ऑफर उन्होंने जीनत को दिया। देव आनंद के कहने पर जीनत ने भारत में रुककर फिल्म करने के लिए हामी भर दी।
अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जीनत अमान ने ये किस्सा शेयर किया था। उन्होंने लिखा था, ‘हम लोग अपना बैग पैक करके माल्टा जाने की तैयारी कर रहे थे। मैं उस वक्त टीनएज में थी। मेरी मां सब सामान पैक रही थी। एक दो दिन बाद लैंड लाइन की घंटी बजी। ये फोन देव साहब की तरफ से था। मुझे फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा (फिल्म को देव आनंद ने ही डायरेक्ट किया था) के लिए स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया गया और स्क्रीनटेस्ट के बाद मुझे फिल्म मिल गई। देव साहब से मुझे और मेरी मां को अपनी ट्रैवलिंग डिले करने को कहा। हम फिर माल्टा जाने की बजाय काठमांडू चले गए जहां मेरी फिल्म की शूटिंग होनी थी।
खुशकिस्मती से ये फिल्म जीनत के करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई। जीनत पर फिल्माए गए गाने दम मारो दम…, हरे रामा हरे कृष्णा…. और फूलों का तारों का सबका कहना है…. जबरदस्त हिट हुए, जिससे जीनत रातोंरात स्टार बनीं। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा के बाद देव आनंद, जीनत के लिए और फिल्में लिखने लगे। उन्होंने जीनत को हीरो पन्ना में भी काम दिया था। रोटी कपड़ा और मकान, यादों की बारात, हम किसी से कम नहीं जैसी लगातार हिट फिल्में देते हुए जीनत उस जमाने की टॉप एक्ट्रेसेस में गिनी जाने लगीं।
फिल्म वकील बाबू में राज कपूर, शशि कपूर और जीनत अमान लीड रोल में थे। शूटिंग से ब्रेक लेकर राज कपूर उन दिनों अपनी फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम की स्क्रिप्ट लिखा करते थे। जब भी वो फिल्म की लीड रूपा के बारे में बात किया करते थे, तो उनके अंदाज से सुनने वालों को उस किरदार में दिलचस्पी आ जाती थी। फिल्म में रूपा का रोल एक गांव की लड़की का था, जिसका आधा चेहरा जला हुआ था, लेकिन उसकी आवाज मधुर थी।
जीनत अमान भी रूपा का किरदार सुनकर इनती इंप्रेस हो चुकी थीं कि एक दिन उन्होंने खुद वो रोल करने का फैसला किया। राज कपूर को मनाने के लिए एक दिन जीनत ने सफेद साड़ी पहनी और टिशू पेपर को चेहरे में चिपकाकर ऐसा मेकअप किया, जिससे वो रूपा की तरह दिखें। तैयार होते ही वो राज कपूर के कमरे के बाहर खड़ी हो गईं।
इसके जवाब में जीनत ने कहा, राज जी से कहना रूपा आई थी।
जीनत के इस अनऑफिशियल स्क्रीनटेस्ट से राज कपूर इतने खुश हुए कि उन्होंने तुरंत एक सोने का सिक्का देकर उन्हें साइन कर लिया। ये किस्सा खुद जीनत अमान ने एक टीवी शो में सुनाया था। फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम के बाद जीनत अमान को हिंदी सिनेमा की सबसे बोल्ड एक्ट्रेस समझा जाने लगा। बोल्ड सीन के चलते फिल्म विवादों में भी रही थी।
70 के दशक में देव आनंद हर लड़की की पहली पसंद हुआ करते थे। उनके लिए लड़कियों का दीवानापन इस कदर था कि कोर्ट ने देव आनंद पर काली शर्ट पहनने की पाबंदी लगाई थी, जिससे वो ज्यादा हैंडसम न दिखें। लेकिन देव आनंद का दिल जीनत अमान के लिए धड़कता था। अपनी ऑटोबायोग्राफी रोमांसिंग विद लाइफ में देव आनंद ने दिल टूटने का किस्सा शेयर किया
उन्होंने लिखा था कि एक दिन वो जीनत अमान से अपने प्यार का इजहार करने वाले थे। उन्होंने जीनत को एक फिल्म इंडस्ट्री की पार्टी के दौरान ताज होटल में डिनर करने के लिए इनवाइट किया, जिसके लिए वो राजी हो गईं। उस पार्टी में राज कपूर नशे में पहुंचे थे, जिनसे जीनत के रिलेशनशिप की अफवाहें उड़ी थीं।
पार्टी के बीच अचानक राज कपूर साहब जीनत के पास आए और उन्हें गले लगा लिया। उन्होंने नशे में जीनत से कहा, तुमने कहा था कि तुम मुझे हमेशा सिर्फ सफेद साड़ी (रूपा की तरह) में ही दिखोगी, लेकिन तुमने वादा तोड़ दिया। ये देखते ही देव आनंद ने उन दोनों के रिश्ते की अफवाहों को सच समझ लिया और अपना इरादा बदल लिया।
अमिताभ बच्चन के जन्मदिन के मौके पर जीनत अमान ने उनके साथ एक तस्वीर शेयर कर फिल्म डॉन से जुड़ा मजेदार किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि एक दिन सेट पर वो तैयार होकर बैठी थीं, लेकिन अमिताभ बच्चन सेट पर नहीं आए तो पूरी टीम उनका इंतजार कर रही थी। करीब 45 मिनट तक इंतजार करने के बाद जीनत को बताया गया कि अमिताभ बच्चन आ चुके हैं।
जैसे ही जीनत अपने मेकअप रूम से बाहर आईं तो डायरेक्टर (चंद्र बरोट) ने मुझे देखते ही गालियां देनी शुरू कर दी। उन्हें लगा कि मेरी गलती से शूटिंग में देरी हुई। अमिताभ बच्चन और पूरी टीम सच्चाई जानती थी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। गालियां सुनकर मैं चुपचाप खड़ी रही और कुछ देर बाद रोते हुए अपने मेकअप रूम में लौट आई। मैंने अपनी टीम को पैक-अप करने का बोल दिया।
कुछ देर बाद अमिताभ बच्चन और प्रोड्यूसर मेरे कमरे में आए। अमिताभ ने मुझसे कहा, बेब्स, मैं जानता हूं कि गलती मेरी है। वो आदमी नशे में है और बेवकूफ है। अमिताभ बच्चन के समझाने पर जीनत मान गईं और फिर सेट पर आईं। तब तक डायरेक्टर भी सच्चाई जान चुका था। जीनत को देखते ही वो डायरेक्टर उनके पैरों पर गिरकर माफी मांगने लगा। जीनत ने फिल्म डॉन पूरी तो कर ली, लेकिन दोबारा कभी डायरेक्टर चंद्र बारोट के साथ काम नहीं किया।
1978 में फिल्म अब्दुल्ला की शूटिंग करते हुए जीनत अमान की मुलाकात संजय खान से हुई थी। संजय खान पहले से शादीशुदा थे, लेकिन इसके बावजूद चंद महीनों के रिश्ते के बाद दोनों ने 30 दिसंबर 1978 को राजस्थान के जैसलमेर में हुई एक प्राइवेट सेरेमनी में शादी कर ली।
संजय खान बेहद गुस्सैल थे और जीनत अमान के साथ मारपीट किया करते थे। एक दिन संजय ने सरेआम जीनत को इतनी बुरी तरह मारा कि उनका जबड़ा टूट गया था। साल 2018 में संजय खान ने अपनी ऑटोबायोग्राफी बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ लॉन्च की थी। इस बुक में उन्होंने जीनत अमान के साथ मारपीट करने की बात कबूल की।