रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह और अमेठी से स्मृति इरानी का सुपाड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है


जिस तरह से क्षेत्र में आम मतदाता अब खुलकर बोलने लगे हैं। आम मतदाताओं से बातचीत करने के आधार पर इससे तो यही लगता है कि रायबरेली में कम से कम कांग्रेस बाजी मारती दिख रही है। तो वहीं अमेठी में किशोरी लाल शर्मा भी बढ़त बनाने में कामयाब हो रहे हैं। मोदी जी का जादू इस बार पहले के जैसा कम चलता दिख रहा है। कारण यह भी है। चुनाव आधुनिक तरीके से लड़ा जाता है। कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है की कब जीत की बाजी हार में पलट जाए और हार की बाजी जीत में पलट जाए। भाजपा को चंदा इलेक्टोरल बांड वैक्सीन विपक्ष का जनता के दिमाग में बातें चालाकी से बैठा ले जाना सरकारी नौकरियों में बार-बार पर्चा लीक कोर्ट में फंस जाना। क्षेत्र में विकास का अभाव जनता खुलकर विरोध में आ गई है। फिलहाल अमेठी और रायबरेली में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। पूरी अस्पृश्टता 4जून जब एवीएम खुलेगी तो सारी स्थिति क्लियर हो जाएगी।