जंग के पहले दिन हमास के आतंकी करीब 240 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इनमें से 25 बंधकों की मौत हो गई है। इजराइल के प्रधानमंत्री ऑफिस ने जानकारी दी है। मारे गए बंधकों में ऐसे बंधक भी हैं जिन्हें इजराइली सैनिकों ने ही गोली मार दी थी। वहीं, हमास का कहना है कि कई बंधक इजराइली बमबारी में मारे गए हैं।
इधर, इजराइली सेना लगातार हमास के ठिकानों को निशाना बना रही है। सेना ने पिछले 24 घंटे में हमास के 100 ठिकाने तबाह किए। वहीं, इजराइली बमबारी के चलते गाजा में रह रहे 19 लाख लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। UN ने कहा- गाजा की 90% आबादी विस्थापित हुई है। यहां की आबादी करीब 22 लाख है।
इजराइल ने पहले तो हमलों से बचने के लिए नॉर्थ गाजा में रह रहे लोगों से साउथ गाजा जाने के लिए और फिर साउथ गाजा में हमले कर दिए। गाजा के लोगों के पास रहने की सुरक्षित जगह नहीं है।
IDF की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक- अब हमास की तरह ही हिजबुल्लाह को भी संभाला जाएगा। इसकी वजह यह है कि साउथ लेबनान की तरफ से इजराइल पर हमले न सिर्फ तेज हो गए थे, बल्कि इनमें ईरान में बने हथियारों का इस्तेमाल भी हो रहा था। हिजबुल्लाह की कोशिश इजराइल की सेना को दो मोर्चों पर एक साथ उलझाना था। अब इसका जवाब उसी तरह दिया जा रहा है, जैसा गाजा में दिया जा रहा है।
इजराइल-हमास के बीच हुए सीजफायर के दौरान रिहा हुई डोरोन काट्ज एशर ने CNN को बताया- मेरी बेटियों को 7 अक्टूबर की हर बात याद है। वो सायरन की आवाज के साथ सोकर उठी थीं। हम उन्हें शेल्टर में ले गए थे। फिर धीरे-धीरे गोलियों की आवाज तेज होती गई और हमारे शेल्टर का दरवाजा खोल दिया गया।
डोरेन ने आगे बताया- हमास ने मुझे, मेरे माता-पिता और मेरी 5 और 2 साल की दोनों बेटियों को अगवा कर लिया था। हमें दूसरे बंधकों के साथ एक ट्रैक्टर के पीछे बैठा दिया गया। इसके बाद एक लड़ाके ने गोली चलानी शुरू कर दी। मुझे पीठ पर और मेरी 2 साल की बेटी को पैर पर गोली लगी। इस दौरान मेरी मां की मौत हो गई। गाजा पहुंचने के बाद हमें पहले एक घर में और फिर अस्पताल में रखा गया था।