लखनऊ में 17 जून की रात 15 सौ रुपये के लेनदेन के विवाद में छात्र आकाश की हत्या हुई थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया। डीसीपी पूर्वी हृदेश कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपी एलएलबी छात्र अभय प्रताप सिंह ने बताया कि आकाश रुपए नहीं लौटा रहा था, मांगने पर गाली-गलौज करता था। जिसके चलते उसने भाई मयंक प्रताप सिंह और दोस्त मनमोहन सिंह के साथ हत्या कर दी। उसके बाद नेपाल भाग गए।
एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि आकाश के दोस्त ऋषभ ने अभय से 15 सौ रुपए उधार लिए थे। जिसको लेकर दोनों में विवाद हुआ था। इसको लेकर ही वह अपने भाई के साथ लखीमपुर से कार से लखनऊ आया। उसके बाद दोस्त अविनाश तिवारी के घर पहुंचे। जहां ऋषभ और आकाश भी थे। जहां उन्होंने ऋषभ से मारपीट शुरू कर दी और आकाश के बीच में आने पर एक मिनट के अंदर चाकू से 17 वार करके मार डाला था।
संजय गांधीपुरम निवासी पूड़ी विक्रेता जगदीश का बेटा आकाश दोस्त जय के साथ बड़ी जुगौली में अविनाश तिवारी के घर पार्टी में गया था। जहां अविनाश के दोस्त ऋषभ का रुपये लौटाने को लेकर लखीमपुर सढ़ौना निवासी अभय से फोन पर झगड़ा हो गया।
जिसके बाद अभय लखीमपुर से छोटे भाई और दोस्त संग कार से लखनऊ आया। वह रास्ते भर ऋषभ और आकाश से रास्ते भर पैसा न देने पर मारने की धमकी देता रहा। लखनऊ आते ही ऋषभ पर हमला बोल दिया। आकाश के बीच में आने पर उसकी हत्या कर दी।
इंस्पेक्टर दीपक पाण्डेय के मुताबिक देवांश ने कुबूला कि पहले ऋषभ को पकड़ा, तभी आकाश बीच में आ गया। जिसके बाद उसको दौड़ाकर पकड़ा और चाकू से 17 वार किए। जब वो मर गया, तो वहां से भाग गए।