इस्लामाबाद में बैठी सरकार इस गलतफहमी में है कि वह अपोजिशन को दबा लेगी। हम हर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं : आसिफा भुट्टो जरदारी

आसिफा भुट्टो जरदारी पाकिस्तान की फर्स्ट लेडी होंगी। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी बेटी आसिफा भुट्टो को फर्स्ट लेडी का दर्जा देने का फैसला किया है। वो जल्द इसकी घोषणा करेंगे।
पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार है जब देश के राष्ट्रपति ने फर्स्ट लेडी के लिए बेटी के नाम की घोषणा करने का फैसला किया है। आमतौर पर राष्ट्रपति की पत्नी फर्स्ट लेडी कहलाती है। आधिकारिक घोषणा होने के बाद आसिफा भुट्टो को फर्स्ट लेडी की तरह विशेषाधिकार दिए जाएंगे।
18 दिसंबर 1987 में बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी का निकाह हुआ था। दोनों के तीन बच्चे हैं। आसिफा सबसे छोटी हैं। उनकी पूरी एजुकेशन ब्रिटेन में हुई। आसिफा की बड़ी बहन बख्तावर भुट्टो की लंदन के बिजनेसमैन से शादी हुई है। भाई बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन हैं। मां बेनजीर की 27 दिसंबर 2007 को एक रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
आसिफा में कई लोग उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की झलक देखते हैं। उनकी स्पीच को भी काफी पसंद किया जाता है। यही वजह है कि आसिफ अली जरदारी आसिफा को सियासत में उतारना चाहते हैं। खबरें थीं कि आसिफा नेशनल असेंबली के लिए होने वाले उप-चुनाव में भाई बिलावल की शहदकोट सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
बिलावल ने शहदकोट के अलावा लरकाना से भी चुनाव लड़ा था। वे दोनों सीट जीते। उन्हें एक सीट खाली करनी है। माना जा रहा है कि वे लरकाना सीट अपने पास रखेंगे और शहदकोट से बहन आसिफा की इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में एंट्री कराएंगे।
तीन साल पहले यानी 2021 में भी आसिफा ने भाई बिलावल के साथ कई रैलियां की थीं। तब इमरान खान प्रधानमंत्री थे। एक रैली में आसिफा ने कहा था- अब वक्त आ गया है, जब मुल्क की सत्ता पर काबिज सिलेक्टेड सरकार को घर भेजा जाए। हम सब इमरान को इलेक्टेड नहीं, बल्कि सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर मानते हैं
आसिफा ने आगे कहा था- इस्लामाबाद में बैठी सरकार इस गलतफहमी में है कि वह अपोजिशन को दबा लेगी। हम हर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं
तीन साल पहले भी आसिफा पॉलिटिकली एक्टिव हुईं थीं। 2021 में जब इमरान प्रधानमंत्री थे और जरदारी समेत PPP के कई नेताओं को जेल भेजा गया था, तब आसिफा ने कई रैलियां की थीं। इसके बाद वे लंदन लौट गई थीं। हालांकि, पाकिस्तान के हालिया आम चुनाव में आसिफा ने कई रोड शो किए।
9 मार्च को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए। इसमें आसिफ अली जरदारी ने जीत हासिल की। वे पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति चुने गए। 10 मार्च को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। देश के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने उन्हें इस्लामाबाद में मौजूद प्रेसिडेंशियल पैलेस ऐवान-ए-सद्र में शपथ दिलाई।
जरदारी ने इमरान खान के कैंडिडेट महमूद खान अचकजई को 230 वोटों से हराया। उन्हें 411 वोट मिले, जबकि अचकजई सिर्फ 118 वोट हासिल कर पाए।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी जरदारी को राष्ट्रपति बनने की बधाई दी। कहा- दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती है। दुनिया में मौजूदा बदलावों के मद्देनजर हमारे संबंधों का रणनीतिक महत्व और भी ज्यादा अहम हो गया है। चीन-पाकिस्तान दो अच्छे दोस्त, भाई और पड़ोसी हैं।
जिनपिंग ने आगे कहा कि दो देशों की मजबूत दोस्ती हमारे लोगों के लिए एक खजाना है। पिछले कई सालों से हमने अलग-अलग क्षेत्रों में एक-दूसरे का सहयोग किया है। चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इससे हमारे द्विपक्षीय रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं।