दक्षिण कोरिया की सरकार अपने नागरिकों का दैनिक जीवन पटरी पर लाने के लिए नई कवायद शुरू कर रही है। इसके चलते सरकार 19-39 साल के करीब साढ़े तीन लाख किशोरों और युवाओं को लगभग 40 हजार रुपए प्रति माह गुजारा भत्ता देगी, ताकि वे घरों से बाहर निकले। यह संख्या इस आयु वर्ग का तीन फीसदी है।
भत्ते के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए भी सहायता की घोषणा की गई है। युवाओं में ‘हिकिकोमोरी’ को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, हिकिकोमोरी एक जापानी शब्द है, जिसमें व्यक्ति खुद को समाज से अलग कर एकांत में रहना पसंद करता है। दक्षिण कोरियाई सरकार चाहती है कि स्कूल, यूनिवर्सिटी या काम पर जाने के लिए घर से बाहर निकलने से इसे आसान बनाया जा सकता है। दक्षिण कोरिया 2044 में दुनिया के सबसे वृद्ध देशों या क्षेत्रों में से एक होगा।
देश के लिए ऐसे उपाय जरूरी है क्योंकि यहां युवा बेरोजगारी की दर अपेक्षाकृत उच्च (7.2%) है और तेजी से घटती जन्मदर उत्पादकता को खतरे में डाल रही है। दक्षिण कोरिया में प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम है, जहां पिछले साल प्रति महिला 0.78 बच्चों का जन्म हुआ।