इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच, इजराइल के सबसे अहम सहयोगी अमेरिका के हवाले से एक अहम खबर है।इजराइली प्रधानमंत्री जंग के बाद भी गाजा पर अपना कब्जा चाहते हैं। इसकी वजह से अरब देश अमेरिका से दूर होते जा रहे हैं।
दरअसल, अमेरिका चाहता है कि फिलिस्तीन अथॉरिटी (PA) जंग के बाद गाजा का एडमिनिस्ट्रेशन संभाले, लेकिन नेतन्याहू न सिर्फ यहां पूरी तरह कब्जा चाहते हैं, बल्कि एडमिनिस्ट्रेशन भी अपने हाथ में चाहते हैं। अरब देशों को लगता है कि नेतन्याहू अब अमेरिका की बात को भी मानने तैयार नहीं हैं।
रिपोर्ट में अरब देशों के दो सीनियर डिप्लोमैट्स के हवाले से इस नई उलझन की तफ्सील बताई गई है। इसके मुताबिक- अमेरिका की पहल पर कुछ अरब देश इस बात पर तैयार थे कि जंग के बाद गाजा का प्रशासन वेस्ट बैंक में सरकार चला रही PA के हवाले कर दिया जाए। इससे दो फायदे होंगे। पहला- दुनिया गाजा के हालात पर नजर रख सकेगी। दूसरा- हमास पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी।
दूसरी तरफ, नेतन्याहू ने दो बार कहा कि वो हमास के खात्मे के बाद भी गाजा पर कब्जा नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि उन्हें किसी और देश या संगठन पर भरोसा नहीं है। वो चाहते हैं कि गाजा का पूरा प्रशासन इजराइल सरकार और फौज संभाले। इसकी वजह यह है कि नेतन्याहू को गाजा में फिर हमास के सिर उठाने का डर है और वो अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहते।
अरब देश चाहते हैं कि अमेरिका नेतन्याहू को इस बात के लिए तैयार करे कि वो पब्लिक प्लेटफॉर्म से यह ऐलान करें कि जंग के बाद गाजा का प्रशासन PA संभालेगी और इस पर कोई इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन नजर रखेगा। नेतन्याहू इससे इनकार कर रहे हैं।
लेबनान से लगातार हिजबुल्लाह इजराइल पर रॉकेट हमले कर रहा है। एक दिन पहले नेतन्याहू ने उसे वॉर्निंग भी दी थी। इसके बावजूद मंगलवार को इजराइल पर फिर हमले हुए। इसके बाद इजराइली एयरफोर्स ने साउथ लेबनान पर जबरदस्त हमले किए। इजराइली फौज ने ये भी माना कि हिजबुल्लाह के हमले में उसका एक टैंक मिसाइल हमले का निशाना बन गया।
हमास की कैद में करीब 240 बंधक हैं और इन सभी को गाजा में किसी जगह रखा गया है। इनके परिजन इजराइली संसद नीसेट पहुंचे। यहां उन्होंने संसद की अलग-अलग कमेटियों से मुलाकात की। इस दौरान सभी की एक ही मांग थी कि उनके फैमिली मेंबर्स को जल्द से जल्द हमास की कैद से निकाला जाए। ज्यादातर लोग सरकार से पूछ रहे थे कि वो बंधकों की रिहाई के लिए क्या कदम उठा रही है।
दूसरी तरफ, इजराइल समेत अरब वर्ल्ड की कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि कतर और कुछ दूसरे अरब देश सीजफायर के लिए बैक चैनल बातचीत कर रहे हैं। दावा यह भी है हमास 70 बंधकों की रिहाई के लिए तैयार है, लेकिन बदले मे पांच दिन सीजफायर चाहता है।
इजराइल ने दावा किया है कि हमास ने गाजा में कंट्रोल खो दिया है। रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि आतंकवादी साउथ गाजा की ओर भाग रहे हैं। इस बीच, गाजा के ज्यादातर हॉस्पिटल्स और क्लीनिक में हालात बदतर होते जा रहे हैं। इजराइली सेना इन हॉस्पिटल के नीचे बने हमास के कमांड सेंटर्स को निशाना बना रही।
सेना ने जब इस हॉस्पिटल पर कब्जा कर सर्च ऑपरेशन चलाया तो यहां की सुरंग में एक कुर्सी, रस्सी, हथियार, मोटरसाइकिल, गार्ड्स के लिए ड्यूटी चार्ट जैसे कई सामान बरामद हुए। इसके अलावा यहां मेकशिफ्ट टॉयलेट, किचन और वेंटिलेशन पाइप भी मौजूद थे। सेना ने बताया कि हमास की सुरंगों के दरवाजे बुलेटप्रूफ हैं और ये सुरंग अस्पताल के नीचे मौजूद है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) ने बताया कि 7 अक्टूबर से अब तक 36 हेल्थ फेसिलिटीज, जिसमें 22 हॉस्पिटल शामिल हैं, को जंग में भारी नुकसान पहुंचा है। बड़े हॉस्पिटल अल शिफा, अल-नासेर हॉस्पिटल, रनतीसी हॉस्पिटल, अल-कुद्स हॉस्पिटल, अल-अहली हॉस्पिटल में पावर सप्लाई नहीं होने से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है।
इजराइली सेना ने इन अस्पतालों को खाली करने की अपील की है। हालांकि, अल-शिफा अस्पताल के डॉक्टरों ने इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि अगर वे इस जगह को छोड़ देंगे तो लगभग 700 मरीज मर जाएंगे। दरअसल, इजराइली रक्षा बल ने अस्पताल को खाली करने के लिए कहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अस्पताल पर हमले को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा- मुझे उम्मीद है कि अस्पतालों पर हमले से बचा जाएगा। उनकी सुरक्षा जरूरी है। हम इसको लेकर इजराइलियों के संपर्क में हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को जंग में शामिल सेना के जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। PM ने कहा कि यह कोई ऑपरेशन नहीं है, बल्कि अंत तक युद्ध है। नेतन्याहू ने कहा, अगर हम इन्हें खत्म नहीं करेंगे तो ये वापस आ जाएंगे।
इजराइली सेना ने सोमवार रात दावा किया कि गाजा के अल-कुद्स अस्पताल से उसके सैनिकों पर हमला किया गया। फायरिंग के अलावा ग्रेनेड भी फेंके गए। जवाबी कार्रवाई में हमास के 21 आतंकी मार गिराए गए।
दूसरी तरफ, हमास के टनल नेटवर्क को तबाह करने में जुटे इजराइली सैनिकों को गाजा के एक घर में ऐसी सुरंग मिली, जिसको छिपाने के लिए तीन बिस्तर लगे थे, जो बच्चों के सोने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
उत्तरी गाजा में इजराइली फौज सुरंगों की खोज कर रही थी। इस दौरान एक सुरंग मिली। इजराइल के कॉम्बैट इंजीनियरिंग कॉर्प्स को एक मकान खास लगा था। इस घर में एक बेडरूम मिला। यहां तीन बिस्तर थे और साफ नजर आ रहा था कि इनका इस्तेमाल बच्चों के लिए किया जाता होगा।
इन बेड्स को हटाकर देखा गया तो नीचे लोहे के शाफ्ट मिले। इसके साथ ही सुरंग थी। एक इजराइली अफसर ने कहा- ये हकीकत है, हमास की। इसके दो छोर हैं। एक गाजा सिटी के हिस्से में तो दूसरा समुद्री रास्ते की तरफ जाता है।
दूसरी तरफ, गाजा में एक के बाद एक अस्पताल बंद पड़ते जा रहे हैं, जिससे मरीजों की मौत हो रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है फ्यूल की कमी। UN ने रविवार को बताया कि गाजा का सबसे बड़ा अल-शिफा अस्पताल और अल-कुद्स अस्पताल में अब काम नहीं हो पा रहा है।
संसाधनों की कमी की वजह से अस्पताल के तौर पर इसकी फंक्शनिंग बंद पड़ गई है। इसके बाद इजराइली सेना ने अल-शिफा अस्पताल में 300 लीटर फ्यूल पहुंचाया। सेना ने दावा किया कि इस दौरान हमास ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की।
गाजा में इजराइल का जमीनी ऑपरेशन जारी है। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO के चीफ ने UNSC को बताया है कि इजराइली बमबारी से गाजा में हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है। जंग में अब तक गाजा के 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। मरने वालों में 4506 बच्चे हैं।
इजराइल ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मरने वाले लोगों की संख्या घटा दी है। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पहले 1400 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन ये संख्या 1200 है।
गाजा पट्टी पर इजराइली हमलों के बीच धुएं का गुबार उठता नजर आया।इजराइली हमलों में जान गंवाने वाले लोगों के शव उनके परिजनों को लौटाए जा रहे हैं।गाजा बॉर्डर में दाखिल होते इजराइली टैंक।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।