जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई

अमेरिका में आज (28 जून) को राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। 81 साल के हो चुके बाइडेन के लिए खुद को डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद का सही उम्मीदवार साबित करने के लिए यह सबसे बेहतरीन मौका था।
हालांकि, 75 मिनट की डिबेट के बाद अमेरिका के सबसे बड़े मीडिया हाउस में शुमार न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट और डिबेट होस्ट करने वाले CNN ने इसमें ट्रम्प को विजेता घोषित किया। विश्लेषकों ने कहा कि बहस के दौरान बाइडेन बार-बार अपनी बात रखने में अटक रहे थे, वे लगातार खांस रहे थे और ट्रम्प के आरोपों का जवाब नहीं दे पा रहे थे।
बाइडेन की इस परफॉर्मेंस के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वे आशंका जता रहे हैं कि बाइडेन चुनाव से पहले अगले 4 महीने तक होने वाले कैंपेन को भी पूरा नहीं कर पाएंगे।
डेमोक्रेटिक पार्टी के एक स्ट्रैटजिस्ट ने सोशल मीडिया पर लिखा, ” पार्टी में बाइडेन को पद से हटाने के लिए आवाजें तेज होने वाली हैं। वे अब तक पार्टी के चहेते थे, लेकिन अब यह बदलने वाला है।” वहीं एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा, “पार्टी का लक्ष्य चुनाव जीतना है। लेकिन आज जो व्यक्ति ट्रम्प के साथ स्टेज पर मौजूद था, वह हमें यह जीत नहीं दिला सकता।”
बाइडेन की पूर्व कम्युनिकेशन डायरेक्टर केट बेडिंगफील्ड ने बहस के बाद कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह डिबेट बाइडेन के लिए अच्छी नहीं रही। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह साबित करना था कि बूढ़े होने के बावजूद उनके पास अमेरिका का नेतृत्व करने की ताकत है, लेकिन बाइडेन ऐसा करने में नाकाम रहे।”
डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेता एक साथ इस डिबेट को देख रहे थे। इनमें से एक ने कहा कि यह बहस बाइडेन के लिए बेहद बुरी रही। अब वे पार्टी नेताओं के साथ नए राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी को भारी डोनेशन देने वालों में शामिल मार्क बुएल ने कहा कि बाइडेन को पूरी गंभीरता के साथ यह सोचने की जरूरत है कि क्या वे इस पद के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प हैं? क्या पार्टी के पास अब भी किसी और को उम्मीदवार बनाने का समय बचा है?
जॉन एफ कैनेडी के परिवार की सदस्य और कैलिफोर्निया की पूर्व फर्स्ट लेडी मारिया श्राइवर ने डिबेट के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैं जानती हूं कि बाइडेन एक बेहतरीन शख्स हैं। उनका दिल बड़ा है। वे खुद को देश के लिए समर्पित कर चुके हैं, लेकिन आज की डिबेट ने दिल तोड़ दिया। यह एक अहम राजनीतिक पल था। डेमोक्रेटिक पार्टी में घबराहट का माहौल है।”
मिसूरी की पूर्व सांसद और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता क्लेयर मैक्कैस्किल ने ट्रम्प की आलोचना करते हुए कहा कि वे झूठे, मतलबी, बेवकूफ और खराब व्यक्ति हैं, लेकिन आज बाइडेन के पास सिर्फ एक काम था। उन्हें साबित करना था कि इस उम्र में भी वे अमेरिका का नेतृत्व कर सकते हैं।
बराक ओबामा की कैबिनेट में मंत्री रह चुके जूलियन कास्त्रो ने कहा कि इस डिबेट का वही नतीजा निकला, जिसकी उम्मीद की गई थी। बाइडेन से बहस को लेकर बेहद कम अपेक्षा की गई थी और वे उसे भी पूरा नहीं कर पाए। इसके अलावा 2020 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के एंड्र्यू यंग ने कहा कि अब समय आ गया है, जब पार्टी बाइडेन को हटाकर किसी और को नॉमिनेट करे।
प्रेसिडेंशियल डिबेट में बाइडेन के सुस्त रवैये और पोल्स में ट्रम्प को जीतता हुआ देखने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में लग गए हैं। बाइडेन प्रशासन में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस बाइडेन के बचाव में उतरीं। उन्होंने कहा कि हम जो हासिल करना चाहते थे, वो हमने किया। यह दर्शाता है कि हमारे राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले हैं।
डिबेट के बाद बाइडेन ने डेमोक्रेट्स की चिंताओं पर सफाई देते हुए कहा, “मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मेरा गला खराब था। फिर भी मुझे लगता है कि हमने अच्छा परफॉर्म किया। आखिरकार एक ऐसे शख्स से बहस करना मुश्किल है, जो झूठ बोलता है।”
जहां एक तरफ बहस में अपने प्रदर्शन के लिए बाइडेन की आलोचना हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ ट्रम्प की सराहना की जा रही है। ट्रम्प को इस डिबेट में ज्यादा चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा। वे आत्मविश्वास से भरे थे।
2020 में बाइडेन के खिलाफ हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रम्प ने कई बेतुकी बातें बोली थीं, ऐसे में जनता के लिए डिबेट में उन्हें झेलना मुश्किल हो गया था। हालांकि, इस बार ट्रम्प ने यह गलती नहीं दोहराई। वे बाइडेन को उनकी ही बातों में उलझाते दिखे।
ट्रम्प ने अलग-अलग मुद्दों पर बात करते हुए झूठ भी बोला। हालांकि, बाइडेन इस पर उन्हें घेर नहीं पाए। अबॉर्शन के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के रुख की पूरे देश में आलोचना होती है। यह बाइडेन के लिए डिबेट में खुद को मजबूत साबित करने का अहम मौका था। इसके बावजूद उन्होंने ट्रम्प को काउंटर करने के लिए कुछ खास नहीं कहा।कई मुद्दों पर सवालों के जवाब देने की जगह ट्रम्प सिर्फ बाइडेन पर तंज कसते नजर आए। उन्होंने लगातार बाइडेन की कमजोरी और डर को टारगेट किया। वहीं बाइडेन उन्हें प्रभावशाली जवाब देने में विफल दिखे।

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