एक गरीब लड़के के स्ट्रगल पर बेस्ड है फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’, पढ़िए खबर

कमल चंद्रा की नई फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ इसी विचार को स्थापित करती है। यह फिल्म जिंदगी में सफलता और असफलता की कहानी की पड़ताल करती है और इसका जरिया बनता है बिहार के गांव का एक सरल और भोला-भाला लड़का। यही लड़का आगे चलकर IAS परीक्षा में टॉप करता है। ये फिल्म रियल लाइफ पर बेस्ड है।
अब दिल्ली दूर नहीं’ एक इमोशनल ड्रामा फिल्म है। रिलीज के लिए तैयार इस फिल्म की कहानी में गहराई है। बिहार के एक छोटे-से शहर का लड़का अभय शुक्ला बनने के सपने को संजोए दिल्ली पहुंचता है। अभय एक ऐसे परिवार से आता है, जो मुश्किलों से जूझ रहा है।

अभय का लक्ष्य है IAS परीक्षा में शामिल होना और कामयाबी हासिल करना, लेकिन वो ये काम खुद के लिए नहीं, बल्कि परिवार को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने के लिए करता है।
अभय की राह मुश्किलों से भरी हुई हैं। उसका सामना चुनौतीपूर्ण सामाजिक मानदंडों से होता है। वह राजनीतिक से लेकर सांस्कृतिक विडंबनाओं को फेस करता है। ये फिल्म अभय के IAS बनने के लिए संघर्ष और उसके सामने आई चुनौतियों पर आधारित सटीक कहानी है।

फिल्म के एक्टर इमरान जाहिद कमाल के कलाकार हैं। वे द लास्ट सैल्यूट जैसे प्रतिष्ठित नाटक में काम कर चुके हैं। ये नाटक इराकी पत्रकार मुंतधर अल-जैदी की किताब ‘द लास्ट सैल्यूट टू प्रेसिडेंट बुश’पर आधारित है। इसके साथ ही जाहिद ने महेश भट्ट की फिल्म अर्थ, डैडी और हमारी अधूरी कहानी पर बेस्ड कई नाटकों में भी काम किया है।
फिल्म अब दिल्ली दूर नहीं में इमरान जाहिद ने अभय शुक्ला के चरित्र और कहानी को जीवंत बना दिया है। खास बात ये है कि जाहिद भी बिहार से आते हैं। इसी वजह से ऐसा मालूम पड़ता है कि चरित्र को निभाते हुए वे उसी में रच-बस गए हैं। किरदार को लेकर उनमें गहरी समझ दिखती है और वे एकदम नेचुरल लगती है।
दरअसल, फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ एक रिक्शा चालक के बेटे ‘गोविंद जायसवाल’ की कहानी पर बेस्ड है। गोविंद का 2007 में सिविल सेवा में सिलेक्शन हुआ था और वे आईएएस अधिकारी बने। किरदार को निभाने के लिए जाहिद ने गोविंद जायसवाल से भी मुलाकात की और उन्हें करीब से समझा।

जाहिद कहते हैं कि गोविंद जी से मिलना काफी प्रेरणादायक था। उन्होंने खुद के जीवन से जुड़ी जो बातें मुझसे शेयर कीं, इससे उनके चरित्र को समझने में सहूलियत तो हुई ही, साथ ही उनकी इच्छाशक्ति के बारे में भी बखूबी जानने को मिला।
फिल्म के राइटर दिनेश गौतम कहते हैं कि ऐसे दौर में जब सुपरहीरो की खूब तारीफ होती है और एक आम इंसान को नजरअंदाज कर दिया जाता है, यह कहानी बताती है कि किस तरह से एक साधारण से गांव का लड़का पूरे समाज को चौंका जाता है।
वह समाज की सोच को ही बदल देता है, वह साबित करता है कि कैसे विफलता और अपमान से भरी जिंदगी अगर पर्याप्त खुराक मिले तो शिखर हासिल कर सकती है।
फिल्म में समानांतर रूप से एक लव स्टोरी चलती है। अभय की गर्लफ्रेंड के किरदार में एक्ट्रेस श्रुति सोढ़ी ने शानदार काम किया है। फिल्म में वो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही एक पंजाबी लड़की की भूमिका में हैं।
श्रुति ने जनवरी 2015 में रिलीज तेलुगु फिल्म ‘पटास’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अब तक ‘हैप्पी गो लकी’,‘मिस्टर एंड मिसेज 420’,‘वैशाखी लिस्ट’ और ‘दिल विल प्यार व्यार’ जैसी पंजाबी फिल्मों में काम किया है।
फिल्म की अधिकांश शूटिंग दिल्ली के मुखर्जी नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय, कमला नगर, राजेंद्र नगर, कनॉट प्लेस, तिहाड़ जेल और गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन जैसी जगहों पर की गई है. फिल्म के कुछ हिस्सों को नोएडा में भी शूट किया गया है।
खास बात ये भी है कि फिल्म का कॉस्ट्यूम तिहाड़ जेल के कैदियों ने डिजाइनर विंकी सिंह की देखरेख में तैयार की है। फिल्म 12 मई 2023 को थिएटर्स में रिलीज होगी।