किसानों के भारत बंद को मिलाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम का साथ, पार्टी अध्‍यक्ष ने कहा- पलानीस्‍वामी सरकार है इस आंदोलन के खिलाफ


द्रमुक अध्‍यक्ष एम के स्‍टालिन ने कहा, ‘तमिलनाडु में आंदोलनकारी किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सलेम में हो रहे आंदोलन में मैं भी शामिल था। एड्डापड्डी पलानीस्‍वामी सरकार आंदोलनकारियों के खिलाफ है।’ उन्‍होंने कहा,’विपक्ष ने पहले ही कह दिया है कि हम 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करेंगे और इसमें शामिल होंगे।’
जंतर-मंतर पर पहुंच कांग्रेस सांसदोें ने धरना शुरू कर दिया और किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद के शीत सत्र की मांग कर रहे हैं। सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ‘सत्र बुलाई जानी चाहिए, किसान विरोधी कानूनों पर फिर से चर्चा कर इसे वापस लिया जाना चाहिए। सरकार सत्र को नजरअंदाज कर रही है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।’
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा, ‘पार्टी आंदोलनकारी किसानों के साथ है लेकिन पश्‍चिम बंगाल में भारत बंद को अपना समर्थन नहीं देंगे। यह हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है।’
भारत बंद के मद्देनजर 8 दिसंबर , बुधवार को पंजाब के होटलों व रिसॉर्ट को बंद रखा जाएगा। इसके तहत पहले से किए गए शादी व अन्‍य पार्टियों की बुकिंग को भी रद कर दिया गया है।
इसमें उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम भी शामिल है। इसके अलावा आंदोलन करने वाले किसानों से दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मुलाकात की। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने आंदोलनकारी किसानों द्वारा बुलाए गए 8 दिसंबर को भारत बंद से दूरी बना ली है। इसके पीछे भारतीय किसान संघ की ओर से इसमें शामिल राजनीतिक पार्टियों को कारण बताया गया है। भारतीय किसान संघ का कहना है कि किसान संगठनों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार के सामने रखनी चाहिए।
फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा, ‘कल बंद में सभी हमारा समर्थन कर रहे हैं। सभी अपने आप बाजार बंद करने के लिए कह रहे हैं सभी लोग इस बंद के लिए तैयार हैं वे जानते हैं कि किसान सही है इसलिए वो हमारा समर्थन कर रहे हैं। बंद के दौरान जरूरी सेवाओं पर छूट होगी।’ इससे पहले उन्‍होंने कहा था, ‘ 9 तारीख को हमारे पक्ष में फैसला आए चाहें नहीं, अगर आता है तो बहुत अच्छा है और अगर नहीं आता है तो हम ये सोच के नहीं आए थे कि हम घर वापस चले जाएंगे। हम यहीं संघर्ष करते रहेंगे। जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे।’
किसानों द्वारा बुलाए गए 8 दिसंबर के भारत बंद को दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन दिया है। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों ने सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किसानों से मुलाकात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्‍यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं। किसानों का मुद्दा और संघर्ष बिल्कुल जायज है। शुरू-शुरू में जब किसान सीमा पर आए थे तो केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने हमसे दिल्ली के नौ स्टेडियम को जेल बनाने की इजाजत मांगी थी। उस समय मेरे ऊपर बहुत दबाव डाला गया। उनकी पूरी योजना थी कि किसानों को दिल्ली आने देंगे और फिर उन्हें पकड़कर स्टेडियम में डाल देंगे और वो वहां पड़े रहेंगे।’
किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने कहा, ‘यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत करने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है।’ उन्होंने सभी से बंद को शांतिपूर्ण बनाना सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा, ‘चूंकि सरकार हमारे साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रही थी, इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया।’ मायावती ने इस संबंध में ट्वीट किया और कहा, ‘तीनों कृषि कानूनों की वापसी को लेकर देश भर में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस क्रम में उन्‍होंने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है, इस बंद के लिए बसपा अपना समर्थन देती है और केंद्र से किसानों की मांगों को मानने की भी फिर अपील है।’

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आदर्श कुमार

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