हरदोई से लखनऊ आ रही कैसरबाग डिपो की बस के सभी 52 यात्री बेटिकट थे। कंडक्टर ने पैसेंजरों के टिकट ही नहीं बनाए थे। हरदोई क्षेत्र के यातायात निरीक्षकों ने छापेमारी कर मामले को पकड़ा। कंडक्टर ने टिकट मशीन हैंग होने की दलील दी। वहीं परिवहन निगम प्रशासन ने कंडक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच शुरू करवा दी है।
दरअसल, रोडवेज बसों में यात्रियों को बिना टिकट यात्रा कराने के मामले यदाकदा आते रहते हैं। पर, पूरी बस बगैर टिकट के ही लाई जा रही थी। कैसरबाग डिपो की बस संख्या यूपी 78 एफएन 2651 पर नियमित बस कंडक्टर अवधेश कुमार और संविदा चालक की ड्यूटी थी। गत 14 फरवरी को यह बस हरदोई बस अड्डे से 52 यात्रियों के साथ रवाना हुई। इसमें 48 पुरुष और महिला यात्रियों के अतिरिक्त चार बच्चे सवार थे। हरदोई क्षेत्र के चेकिंग दलों ने बस अड्डे से सात किलोमीटर दूर छापेमारी की, जिसमें सभी यात्री बेटिकट पाए गए। चेकिंग दलों के अनुसार हरदोई बस अड्डे के बाद पचकोहरा स्टॉपेज पड़ता है। कंडक्टर ने बस अड्डे से पचकोहरा के बीच एक भी टिकट नहीं बनाया। इससे रोडवेज को 1,164 रुपये की चपत लगी। इस मामले में हरदोई क्षेत्र की रिपोर्ट पर कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक कैसरबाग अरविंद कुमार ने क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी के निर्देश पर बस कंडक्टर को निलंबित करने का आदेश गुरुवार को जारी किया। वहीं संविदा चालक को बर्खास्त कर दिया गया।
कंडक्टर बोला, हैंग हो गई थी टिकट मशीन
मामले को लेकर जब बस कंडक्टर से बातचीत की गई तो उसने अपनी दलील में बताया कि बस अड्डे से निकलने के बाद उसने टिकट बनाने का प्रयास किया, लेकिन मशीन हैंग हो गई थी। इससे टिकट जारी नहीं हो सके। इस बीच बस सात किलोमीटर आगे निकल गई। जहां चेकिंग दलों ने बस की जांच की। हालांकि अफसरों का कहना है कि मशीन के हैंग होने पर आला अफसरों को सूचित किया जाना चाहिए था। इतना ही नहीं मैनुएली भी टिकट बनाए जा सकते थे।