जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर किए गए फैसले से समानता आएगी: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश जारी है

संबोधन की खास बातें-

  • ये स्वतंत्रता दिवस भारत माता की सभी संतानों के लिए खुशी का दिन है, फिर चाहे वो देश में हों या विदेश में.
  • आज के दिन हम सभी को देशप्रेम की भावना का और भी गहरा अनुभव होता है.
  • इस अवसर पर हम अपने उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए संघर्ष, त्याग और बलिदान के महान आदर्श पेश किए.
  • स्वाधीन देश के तौर पर 72 सालों की हमारी ये यात्रा आज एक खास मुकाम पर आ पहुंची है. कुछ ही हफ्ते बाद 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे.
  • गांधी जी हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे. वे समाज को हर प्रकार के अन्याय से मुक्त कराने के प्रयासों में हमारे मार्गदर्शक भी थे.
  • गांधी जी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है. उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले ही लगा लिया था. गांधी जी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए. ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन हमेशा बना रहे. उन्होंने पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पर जोर दिया. और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जीने की शिक्षा भी दी. वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गांधी जी के विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं. अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देशवासियों का जीवन बेहतर बनाया जा रहा है. सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर विशेष जोर है.

राष्ट्रपति ने कहा,

2019 का ये साल गुरु नानक देव जी का 550 वां जयंती वर्ष भी है. वे भारत के महान संतों में से एक हैं. मानवता पर उनका प्रभाव बहुत ही व्यापक है. सिख पंथ के संस्थापक के रूप में लोगों के हृदय में जो आदर का भाव है वो केवल हमारे सिख भाई बहनों तक ही सीमित नहीं है. भारत और पूरी दुनिया में रहने वाले करोड़ों श्रद्धालु उनपर गहरी आस्था रखते हैं. गुरु नानक देव जी के सभी अनुयाइयों को इस पावन जयंती वर्ष के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.जिस महान पीढ़ी के लोगों ने हमें आजादी दिलाई, उनके लिए स्वाधीनता केवल राजनैतिक सत्ता को हासिल करने तक सीमित नहीं थी. उनका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और समाज की व्यवस्था को भी बेहतर बनाना था. इस संदर्भ में मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे. वे भी अब उन सभी अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे जो देश के दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को मिलती है. वे भी अब समानता को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील कानूनों और प्रावधानों का उपयोग कर सकेंगे. शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. सूचना का अधिकार मिल जाने से वहां के लोग अब जनहित से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. पारंपरिक रूप से वंचित रहे वर्गों के लोगों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के साथ अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी. और तीन तलाक जैसे अभिशाप के खत्म हो जाने से वहां की हमारी बेटियों को भी न्याय मिलेगा और भय मुक्त जीवन जीने का मौका मिलेगा.