केरल सरकार के असहयोग के कारण सबरीमाला रेल परियोजना की लागत बढ़ी, रेल मंत्री ने बताया

 रेल मंत्री पीयूष गोयल ने केरल सरकार पर असहयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केरल सरकार के असहयोग के कारण सबरीमाला रेल लिंक परियोजना की लागत 512 फीसद बढ़ गई है। गोयल ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार के असहयोग के कारण 111 किलोमीटर लंबी अंगामाली-सबरीमाला परियोजना प्रभावित हुई है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 1997-98 में 550 करोड़ की लागत के साथ रेल बजट में शामिल किया गया था। मई 2006 में बजट भी मंजूर किया गया। परियोजना पर काम ज्यादा नहीं बढ़ पाया, क्योंकि स्थानीय लोग भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। अदालत में भी कुछ मामले लंबित हैं और केरल की सरकार का रवैया भी असहयोगपूर्ण रहा है।

उन्होंने कहा, ‘इससे परियोजना को पूरा करने का काम अटक गया। इसके कारण परियोजना की लागत वर्ष 1997 के 550 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2017 में 1,566 करोड़ रुपये हो गई।’ उन्होंने आगे कहा कि इस बढ़ी हुई लागत पर परियोजना को पूरा कर पाना अकेले रेलवे के लिए संभव नहीं है। इसलिए, केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 व 2012 में पत्र लिखकर परियोजना की आधी लागत राज्य सरकार से वहन करने का आग्रह किया है। वर्ष 2015 में केरल सरकार ने इस पर सहमति जताई, लेकिन अगले ही साल परियोजना का 50 फीसद खर्च देने से पीछे हट गई।वर्ष 2017 में फिर केंद्र सरकार ने सहयोग का आग्रह किया।

उल्लेखनीय है कि फिलहाल सबरीमाला को दूसरे शहरों से जोड़ने के लिए कोई सीधी रेल लाइन नहीं है।सबरीमाला के निकटवर्ती रेलवे स्टेशन कोट्टायम, तिरुवल्ला और चेंगानूर हैं, जो 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।