चुनाव परिणाम की तिथि करीब आने के साथ बढ़ रही कांग्रेस की चुनौती

असम विधानसभा चुनाव परिणाम का वक्त करीब आने के साथ कांग्रेस की धड़कनें तेज होती जा रही है। पार्टी के सामने एक साथ कई चुनौतियां हैं। पार्टी को जहां महाजोत को एकजुट रखना है, वहीं कांग्रेस को खुद के विधायकों को भी संभालना है। साथ ही नेता का चयन भी आसान नहीं है। क्योंकि, प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने अपनी-अपनी दावेदारी जतानी शुरू कर दी है।

कांग्रेस ने असम में सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ा था। पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निधन के बाद पार्टी के पास कोई बड़ा और लोकप्रिय चेहरा नहीं था। इसलिए पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा। गौरव गोगोई, सुष्मिता देव, प्रद्युत बोरदोलोई और देवव्रत सैकिया को एक-एक असम बचाओ बस यात्रा का नेतृत्व करने का मौका दिया।


कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी असम में सत्ता तक पहुंचती है, तो मुख्यमंत्री का नाम तय करना आसान नहीं होगा। यह सही है कि टिकट बंटवारे में पार्टी ने नेताओं का कोई कोटा तय नहीं किया था, पर प्रदेश में हर नेता को कुछ न कुछ विधायकों का समर्थन हासिल होगा। ऐसे में बहुत सोच समझकर नेतृत्व को बहुत सोच समझकर फैसला करना होगा।