केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को रद्द करने के अपने फैसले को सही ठहराया। सरकार ने कहा कि देश में आतंकवादी और अलगाववादी इसका गलत फायदा उठा कर राज्य के विकास में बाधा पहुंचा रहे थे। राज्य के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए को खत्म करने के फैसले को भी सरकार ने सही ठहराया है। बता दें कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए के प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को विभिन्न याचिकाओं के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को उसके मूल रूप में, संविधान में अस्थायी व्यवस्था करार दिया गया था। इसे 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किए जाने के बाद संविधान का हिस्सा बनाया गया था।
सरकार ने कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत मौजूदा व्यवस्था और अनुच्छेद 370 (1)(घ) के तहत भारत के संविधान में किए गए बदलावों और सुधारों के जरिए जम्मू-कश्मीर का देश के साथ पूर्ण विलय का रास्ता आसान होने की जगह और जटिल होते जा रहा था। यह न तो देश के हित में था और न ही जम्मू-कश्मीर राज्य के हित में।