1 फरवरी को विधानसभा सत्र के लिए कार्य मंत्रणा की बैठक सुबह 11:30 बजे बुलाई गई

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के पहले आज यानी की 1 फरवरी को विधानसभा सत्र के लिए कार्य मंत्रणा की बैठक सुबह 11:30 बजे बुलाई गई। इस बैठक में सभी दलों के नेता शामिल होंगे।विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में बैठक होगी । व्हाई इस बैठक के बाद 12:30 बजे विधानसभा में सर्वदली बैठक भी की जाएगी इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहेंगे।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र दो फरवरी से शुरू होने जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार का यह बजट काफी लोक लुभावन होने वाला है। यूपी सरकार इस बार के बजट में शिक्षा, स्वास्थ, विकास, नौजवान, महिला और किसान पर फोकस करेगी।
दो फरवरी को विधानमंडल सत्र के पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अभिभाषण प्रस्तुत करेंगी।
इस बार के बजट सत्र को शनिवार को भी चलाया जाएगा। और तीन फरवरी को शनिवार के दिन भी सदन की बैठक आहूत होगी। बैठक में भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह और सपा विधायक एसपी यादव के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित कर कार्यवाही स्थगित की जाएगी। वही चार फरवरी को रविवार होगा।
चुनावी वर्ष में यूपी सरकार अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी जिसका आकार करीब 7.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।उत्तर प्रदेश विधानमंडल में यूपी सरकार पांच फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्ताव सरकार की ओर से दोनों सदनों में पेश किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का इस साल का बजट अब तक का सबसे बड़ा अब तक का सबसे बड़ा बजट होने वाला है। वही पिछले साल योगी सरकार ने 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बजट में सरकार राष्ट्रवाद, विकास, नौजवान, महिला और किसान पर फोकस करेगी। और इस साल ये 7.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है। वर्ष 2024-25 के बजट में राजस्व व्यय यानी वेतन-पेंशन जैसे मदों में सबसे ज्यादा धन बढ़ेगा। इस मद में पिछले साल की तुलना में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करना पड़ेंगे। वही केंद्र सरकार अपना अंतरिम बजट एक फरवरी को पेश करेगी। जबकि प्रदेश सरकार पांच फरवरी को अपना पूर्ण बजट लाएगी।
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में वर्ष 22-23 में 5.85 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। वही वर्ष 23-24 के बजट में लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये का इजाफा कर 6.90 लाख करोड़ का बजट सदन में पेश किया था। और इस बार वर्ष 24-25 में इसमें करीब 60 हजार करोड़ से ज्यादा की वृद्धि का अनुमान है।
पिछले साल की तुलना में आगामी वित्त वर्ष में स्वयं के कर राजस्व में करीब 34 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। केंद्रीय करों के राज्यांश में भी नए वित्त वर्ष में 25 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिल सकते हैं। केंद्र सरकार से मदद के रूप में मिलने वाले अनुदान में भी 10 हजार करोड़ ज्यादा मिलने का अनुमान जताया गया है।
राजस्व व्यय वर्तमान वित्त वर्ष का करीब 5.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। 24-25 में ये बढ़कर 5.57 लाख करोड़ हो सकता है। यानी इसमें करीब 55 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। वहीं पूंजी व्यय में केवल 20 हजार करोड़ रुपये ही बढ़ने का अनुमान जताया गया है। 23-24 की तुलना में 24-25 में राजकोषीय घाटे में मामूली वृद्धि के आसार हैं जो महज 4 हजार करोड़ रुपये होगा। वहीं ऋण में 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।