गाजा में छह बंधकों की मौत के बाद इजरायल में रविवार को हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के युद्धविराम समझौते को नहीं करने के कारण लोगों में गुस्सा बढ़ गया था. अगर ये समझौता हो गया होता तो बंधकों को छुड़ाया जा सकता था. इजरायली मीडिया के मुताबिक तेल अवीव में 300,000 लोग सड़कों पर उतरे और देश भर में 200,000 से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इन प्रदर्शनों में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से शेष 101 बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की गई. येरुशलम में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और प्रधानमंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन किया.
वीडियो फुटेज में तेल अवीव के मुख्य राजमार्ग को प्रदर्शनकारियों से भरा हुआ दिखाया गया, जो मारे गए बंधकों की तस्वीरों वाले झंडे पकड़े हुए थे. इजरायली टेलीविजन फुटेज में पुलिस को सड़कों को जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें करते हुए दिखाया गया. स्थानीय मीडिया ने 29 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की सूचना दी. देश के मजदूर नेताओं ने सोमवार को एक दिन की आम हड़ताल की अपील की है. इजरायली सेना ने रविवार को दक्षिणी गाजा शहर राफा में एक सुरंग से बंधकों के शवों की बरामदगी की घोषणा की थी.
इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि फोरेंसिक जांच से पता चला है कि 48-72 घंटे पहले हमास के आतंकवादियों ने उन्हें बहुत करीब से कई गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक कि वह जिम्मेदार लोगों को पकड़ नहीं लेता. इजरायल की जनता के बीच बढ़ते गुस्से के बीच ट्रेड यूनियन महासंघ के प्रमुख अर्नोन बार-डेविड ने रविवार को सरकार पर समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने के लिए सोमवार को आम हड़ताल की अपील की. नेतन्याहू के साथ अक्सर टकराते रहे इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने भी समझौते की अपील की.