सातवें फेरे में दुल्हन ने किया पंगा ,फिर जो हुआ महोबा की कहानी में पढ़ें

महोबा में एक हैरान करने वाली घटना प्रकाश में आई है। हिंदू समाज में शादियां रीति-रिवाज से होती हैं। मंडप के नीचे दुल्हन और दूल्हा अग्नि के सात फेरे लेते हैं और सात फेरों को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। महोबा में फेरे के दौरान एक ऐसी नाटकीय घटना घटी, जिसे सुनकर सभी हैरान हैं। दुल्हन ने सातवां फेरा लेने से इनकार कर दिया। परिवारीजनों ने दुल्हन से वजह पूछा तो उसने कह दिया ‘मुझे दूल्हा पसंद नहीं’ इसलिए शादी नहीं करूंगी। पंचायत के बाद शुक्रवार सुबह बारात बैरंग लौट गई।

गुरुवार को झांसी के कुलपहाड़ तहसील स्थित मुढ़ारी गांव से बारात महोबा आई थी। बारात पहुंचने पर लड़की पक्ष ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर बाराती नाचते गाते दुल्हन के दरवाजे पर पहुंचे थे। जहां पर द्वारचार की रस्म अदा की गई। इसके बाद स्टेज पर जयमाल की रस्म अदायगी की गई। दुल्हन और दूल्हे ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई, फिर दोनों ही पक्षों ने स्टेज पर फोटो खिंचाई।

दूल्हे ने अपने खास रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ खाना खाया। इसके बाद आधी रात को दूल्हे के पिता और परिवारीजन जेवर चढ़ावे की रस्म को पूरा किया। फिर मंडप के नीचे पुरोहित वैदिक मंत्र्त्रोचारण कर रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ दूल्हा और दुल्हन अग्नि के फेरे ले रहे थे। दोनों ही 6 फेरे पूरे कर चुके थे, सातवें फेरे में दुल्हन रुक गई। यह नाजारा देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। परिजनों ने दुल्हन से पूछा कि क्या हो गया, इस पर दुल्हन ने जवाब दिया कि मैं शादी नहीं करूंगी। इतना कहते हुए गठबंधन की गांठ खोलकर अपने कमरे में चली गई। दुल्हन और दूल्हे के परिजन कुछ समझ नहीं पाए कि यह क्या हुआ। दुल्हन के माता-पिता ने बेटी से पूछा कि किस वजह से शादी से इनकार किया। इस पर बेटी ने जवाब दिया कि मुझे दूल्हा पसंद नहीं है, इसलिए शादी नहीं करूंगी। दोनों पक्ष के लोग दुल्हन को कई घंटे तक समझाते रहे, लेकिन दुल्हन ने किसी की बात नहीं मानी। आधी रात को ही पूर्व प्रधान उमाशंकर मिश्रा के घर पर पंचायत शुरू हुई। दोनों पक्षों के साथ ही गांव के संभ्रांत लोग भी शामिल हुए।

पंचायत ने दोनों पक्षों में सामांजस्य बैठाने का प्रयास किया। दुल्हन से कहा गया कि इस तरह से पूरे गांव की बदनामी होगी। पंचायत ने भी दुल्हन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन दुल्हन ने किसी की बात नहीं मानी और भरी पंचायत के सामने शादी करने से इनकार कर दिया। लड़के के पिता का कहना था कि जब शादी से इनकार करना था तो जयमाल और चढ़ावे की रस्म क्यों कराई। वहीं, दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया और बारात बैरंग लौट गई। कोतवाली प्रभारी विजय कुमार का कहना है कि मामला कोतवाली तक नहीं आया है।