ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का झंडे से लिपटा ताबूत सोमवार को स्कॉटलैंड की राजधानी में कैथेड्रल तक ले जाया गया। इस दौरान उनकी चार संतानें खामोशी से पीछे चल रही थीं। महारानी के पार्थिव शरीर को एडिनबरा स्थित पैलेस ऑफ होलीरूडहाउस से ले जाया गया। बता दें कि महारानी का चार दिन पहले उनके बाल्मोरल स्थित आवास में निधन हो गया था। रॉयल रेजीमेंट ऑफ स्कॉटलैंड के एक दल और स्कॉटलैंड में किंग्स बॉडी गार्ड – रॉयल कंपनी ऑफ आर्चर्स की एक टुकड़ी के साथ ताबूत को सेंट जाइल्स कैथेड्रल ले जाया गया और इस दौरान महाराज चार्ल्स तृतीय, प्रिंसेस एनी, प्रिंस एंड्रयू और प्रिंस एडवर्ड पीछे चल रहे थे। चार्ल्स, एनी और एडवर्ड ने सेना की वर्दी पहनी थी, लेकिन एंड्रयू ने नहीं पहनी थी।
शाही नौसेना के अधिकारी रहे एंड्रयू को कुख्यात अमेरिकी यौन अपराधी जेफरी एप्स्टीन के साथ दोस्ती की वजह से अपने मानद सैन्य पद को गंवाना पड़ा था। महारानी का ताबूत मंगलवार तक कैथेड्रल में रहेगा ताकि आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। महारानी की शव यात्रा के निकलते समय ज्यादार लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से सम्मान प्रकट किया। इस दौरान एक व्यक्ति ताबूत की ओर नाराजगी में चिल्लाता हुआ दिखा, वहीं कुछ अन्य कहते सुने गए, ‘‘ईश्वर महाराज की रक्षा करे (गॉड सेव द किंग)।’’
इससे पहले महाराज चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला होलीरूडहाउस से सेंट जाइल्स कैथेड्रल के बीच स्थित रॉयल माइल नामक सड़क से एक लिमोजिन कार में गुजरे, तो वहां अवरोधकों के पीछे बड़ी संख्या में खड़े लोगों ने उनका ताली बजाकर तथा हाथ हिलाकर अभिनंदन किया। दोनों होलीरूडहाउस पर कार से उतरे और लोगों का अभिवादन किया। इसके बाद एडिनबरा कैसल से एक तोप से सलामी दी गयी।
इससे पहले चार्ल्स ने लंदन में संसद में एक शोकसभा में भाग लिया, जहां उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपनी दिवंगत मां की ‘निस्वार्थ सेवा’ के रास्ते पर चलेंगे। उधर, ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने पहली बार अपनी ‘‘दादी’’ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी ‘‘अच्छी सलाह और मनमोहक मुस्कान’’ को याद किया और कहा कि उन्हें यह जानकर तसल्ली मिली है कि उनका उनके ‘‘दादा’’ प्रिंस फिलिप से पुनर्मिलन हो गया है।
सरकार ने घोषणा की है कि महारानी के अंतिम संस्कार से पहले रविवार को देश एक मिनट का मौन रखेगा। स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे मौन रखा जाएगा। लोगों से अपने घरों या सामुदायिक कार्यक्रमों में मौन रखने का आग्रह किया गया है। लंदन में 1,000 साल पुराने वेस्टमिंस्टर हॉल में हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की ओर से जतायी गई संवेदनाओं के जवाब में महाराज चार्ल्स तृतीय ने इतिहास पर प्रकाश डाला और अपनी मां के शासनकाल के कई प्रतीकों का उल्लेख किया। राजकीय शोक के इस कार्यक्रम में संसद के लगभग 900 सदस्य शामिल हुए और देश के नए महाराज के प्रति निष्ठा व्यक्त की। बकिंघम पैलेस की तरफ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक महारानी की अंत्येष्टि सोमवार, 19 सितंबर को लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी।