हाल के दिनों में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव की समूचे विश्व में चर्चा हुई। डोनाल्ड ट्रंप इन चुनावों में पिछड़ गए और जो बाइडेन का अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनना तय है। हालांकि इस बीच ट्रंप व उनके समर्थकों ने चुनावों में गड़बड़ी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। यहां तक कि उन्होंने कई राज्यों में मतों की दोबारा गिनती करने की मांग की है। इसके साथ ही ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। लेकिन चुनाव सुरक्षा अधिकारियों ने ट्रंप के दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उनका दावा है कि धांधली के कोई सबूत नहीं हैं और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका के इतिहास में सबसे सुरक्षित चुनाव थे।
ध्यान रहे कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की दो समितियों ने अमेरिकी मतदान प्रणाली की सुरक्षा की जि़म्मेदारी संभाली थी। उन्होंने बृहस्पतिवार को साफ तौर पर कहा कि मतदान प्रणाली के जरिए किसी तरह की गड़बड़ी करने, मतों के बदले जाने या छेड़छाड़ का कोई सबूत सामने नहीं आया है।उक्त समितियों के सदस्यों के मुताबिक विभिन्न राज्यों में कड़ी टक्कर होने पर कई बार वोटों की फिर से गिनती की जाती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में जहां भी उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर थी, वहां प्रत्येक मत के दस्तावेज मौजूद हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर मतों की दोबारा गिनती की जा सके।
वहीं समिति ने गड़बड़ी संबंधी किसी भी आशंका को खारिज करते हुए कहा कि यह सुरक्षा और लचीलेपन का एक अतिरिक्त लाभ है। क्योंकि यह प्रक्रिया किसी भी कमी या त्रुटि की पहचान कर उसमें सुधार का अवसर प्रदान करती है। ऐसे में दावे के साथ कहा जा सकता है कि चुनाव में कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है।
यहां बता दें कि तमाम आरोपों के बीच जार्जिया में फिर से वोटों की गिनती हो रही है, जबकि अलास्का में ट्रंप को जीत हासिल हुई है। बावजूद इसके ट्रंप के लिए बहुमत का आंकड़ा बहुत दूर की कौड़ी नजर आता है। यह भी लगता है कि सुरक्षा अधिकारियों के इस दावे के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों के तेवर ढीले पड़ सकते हैं।गौरतलब है कि अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आयोजित हुए थे। जिसमें लगभग सभी संबंधित एजेंसियां जो बाइडेन को विजेता घोषित कर चुकी हैं।