तालिबान ने अफगानिस्तान के एक बड़े शहर पर कब्जा कर लिया है. आतंकवादी संगठनों ने मजार-ए-शरीफ शहर (Mazar e Sharif) पर भी अपना अधिकार जमा लिया है, जोकि अफगानिस्तान का चौथा सबसे बड़ा शहर है. इससे पहले तालिबानियों ने अफगान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था. तालिबान आतंकियों के इस हमले के बाद अफगानिस्तान की सेना प्रशासन ने मजार-ए-शरीफ से पीछे हटने का फैसला कर लिया है. इससे पहले भी ये आतंकी संगठन अफगानिस्तान के कई शहरों पर अपना कब्जा जमा चुका है.
बताया जा रहा है कि तालिबानी आतंकी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर हैं. न्यूज एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, अफगानिस्तान के एक सांसद ने बताया कि बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ तालिबान के कब्जे में आ गई है, जब आतंकवादियों ने वहां एक बड़ा हमला किया था.
आपको बता दें कि तालिबान आतंकवादियों ने काबुल से 60 किलोमीटर दक्षिण में स्थित लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम शहर पर कब्जा कर लिया है. एक स्थानीय अधिकारी ने शनिवार को कहा कि विद्रोहियों ने सरकारी बलों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है अब इसने पुल-ए-आलम शहर पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने शहर को कब्जे में लिए जाने की पुष्टि की है, लेकिन इस संबंध में उन्होंने अधिक जानकारी नहीं दी. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा, लोगर प्रांत के गवर्नर अब्दुल कयूम रहीमी मुजाहिदीन में शामिल हो गए हैं पुल-ए-आलम शहर विद्रोही समूह के नियंत्रण में है.
पुल-ए-आलम के कब्जे के साथ, तालिबान आतंकवादियों द्वारा जब्त की गई प्रांतीय राजधानियों की संख्या कथित तौर पर 18 तक पहुंच गई है, जिसमें हेरात, कंधार गजनी शहर शामिल हैं. अफगान सरकार ने अभी तक इस पर टिप्पणी नहीं की है. इससे पहले दिन में तालिबान ने दो प्रांतीय राजधानियों तिरिन कोट (उरुजगन) फिरोज कोह (घोर) पर कब्जा करने का दावा किया है.
साथ ही शनिवार को आतंकवादियों ने ताखर प्रांत में अफगान सरकार के अंतिम गढ़ वारसाज जिले पर कब्जा कर लिया है. समूह अब बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ फराह प्रांत के मैमाना पर कब्जा करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है.