टीम इंडिया वेस्टइंडीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना वनडे और टी-20 खेलने उतरी और लिमिटेड ओवर्स के 5 में से 3 मुकाबले गंवा दिए। इनमें 2 टी-20 और एक वनडे शामिल रहा। टीम मैनेजमेंट ने कहा कि वे एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं, इससे कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा।
हेड कोच राहुल द्रविड़ ने भी एक्सपेरिमेंट स्ट्रैटजी का बचाव किया, लेकिन क्या टीम इंडिया वाकई में 36 साल के रोहित और 34 साल के विराट के बिना खेलने को तैयार है। आगे स्टोरी में हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे।
भारत ने 2006 में टी-20 इंटरनेशनल खेलना शुरू किया। सितंबर 2007 में रोहित शर्मा और साल 2010 में विराट ने टी-20 डेब्यू कर लिया। भारत ने अब तक 202 टी-20 खेले हैं, इनमें से 198 दोनों के डेब्यू के बाद रहे। 167 बार रोहित या विराट में से कोई खिलाड़ी तो टीम की प्लेइंग-11 का हिस्सा रहा ही है। भारत को इनमें 109 मुकाबलों में जीत मिली। यानी जीत परसेंट 65.27% रहा।
2007 से अब तक टीम इंडिया ने दोनों को एक साथ प्लेइंग इलेवन में रखकर 96 टी-20 खेले। 63 में टीम को जीत और 30 में हार मिली। यानी जीत परसेंट करीब 65% का रहा। दोनों के साथ और दोनों में से किसी एक खिलाड़ी के होने से भारत लगभग एक समान टी-20 मुकाबले जीतता है। 2012 से तो भारत ने इन दोनों खिलाड़ियों को साथ में रखकर ही ज्यादातर मैच खेलने को प्राथमिकता दी।
रोहित और विराट के बिना टीम इंडिया ने 2007 से अब तक 31 टी-20 खेले हैं। 18 में टीम को जीत और 11 में हार मिली। एक मैच टाई और एक ही बेनतीजा भी रहा। टीम का जीत परसेंट करीब 58% तक पहुंच गया, जो दोनों के साथ या दोनों में से किसी एक के खेलने के मुकाबले 7% तक कम रहा।
इतना ही नहीं, 2011 से 2018 तक टीम ने इनके बिना 6 ही टी-20 खेले थे। जिनमें से 5 मुकाबले जिम्बाब्वे और एक अफगानिस्तान के खिलाफ रहा, इनमें भी 2 में टीम को हार का सामना करना पड़ गया। यानी टीम इंडिया 2011 से 2018 तक टॉप टीमों के खिलाफ दोनों खिलाड़ियों के बिना टी-20 खेलने उतरी ही नहीं।
जून 2011 के बाद से भारत ने रोहित और विराट के बिना महज 11 टेस्ट खेले। 5 में टीम को जीत और 5 में ही हार मिली, वहीं एक टेस्ट ड्रॉ भी रहा। टीम का जीत परसेंट 45% के करीब रहा। जो दोनों में से किसी एक या दोनों खिलाड़ियों के साथ खेलने के मुकाबले कम है। टीम ने इस दौरान करीब 45% मैच गंवाए भी हैं, जो रोहित और विराट के साथ खेलने के मुकाबले बेहद खराब है।
इनमें भी 2018 तक इन दोनों के बिना भारत ने 8 ही टेस्ट खेले। जिनमें 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ 4 और वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट शामिल हैं। इंग्लैंड में टीम ने सभी मैच हारे, वहीं वेस्टइंडीज में सभी जीते। टीम ने एक-एक टेस्ट ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के खिलाफ भारत में भी खेला, दोनों में टीम इंडिया को जीत मिली।