2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की टॉप लीडरशिप सक्रिय हो गई है। इसी कड़ी में आज भाजपा और RSS की समन्वय बैठक लखनऊ के सरस्वती शिशु मंदिर निराला नगर में होगी। इसमें सभी सहयोगी संगठन सरकार के मंत्रियों को जमीनी हकीकत की जानकारी देंगे। बैठक 2 दिनों तक चलेगी। इसमें RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और सर-कार्यवाहक अरुण कुमार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और मंत्री धर्मपाल सिंह शामिल होंगे।
लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर RSS और प्रदेश सरकार और भाजपा कि बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इसमें जहां एक तरफ यूपी के सियासी माहौल पर चर्चा होगी, तो वहीं दूसरी तरफ इस बात को लेकर भी चर्चा होगी कि बीजेपी से अछूते लोगों को कैसे अपने पाले में लाया जाए।
प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर भाजपा ने जो रणनीति बनाई है। मीटिंग में उस पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही बूथ सशक्तिकरण अभियान पर भी चर्चा की जा सकती है। इसके अलावा यूपी की चुनावी जमीन को टटोलने के लिए पार्टी और RSS ने प्रदेश के सांसदों का रिपोर्ट तैयार किया है। इस रिपोर्ट कार्ड पर भी चर्चा की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से यह भी देखा जाएगा कि किन सांसदों का रिपोर्ट कार्ड संघ और पार्टी से मैच करता है।
इसके अलावा कि कौन सांसद जनता के बीच रहा और जनता के साथ उसका व्यवहार कैसा रहा? सांसदों के क्षेत्र में उसकी लोकप्रियता कितनी है? अपने क्षेत्र में कितना काम किया है? सांसद निधि का इस्तेमाल कैसे किया गया? जनता उनके बारे में क्या राय रखती है? इन सभी पैमानों को लेकर चर्चा की जाएगी।
संघ अपनी हिंदुत्व की विचारधारा को खासतौर पर दलितों-आदिवासियों के बीच पहुंचाने की तैयारी में जुटा है। संघ के उच्च पदस्थ प्रचारकों का मानना है कि अब तक उसकी बात नहीं पहुंच सकी है। अपनी बातों को इन लोगों तक पहुंचाने के लिए भी संघ ने टारगेट निर्धारित किया है। इसको लेकर भी चर्चा की जाएगी। दलित बस्तियों में सामाजिक समरसता के कार्यक्रम करने के अलावा संघ सभी न्याय पंचायतों तक अपनी विचारधारा और शाखा का विस्तार करने में जुटा है, ताकि जिन गांवों तक उसकी बात नहीं पहुंच सकी है। वहां भी माहौल बनाया जा सके। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
संघ ने पहली बार घुमंतू जातियों पर फोकस किया है। इसके तहत संघ नट, वनटांगिया और आदिवासियों के बीच पहुंचकर सोशल वर्क करेगा। पहली बार RSS ने हाल ही में खत्म हुए अपने ट्रेनिंग कैंपों में शताब्दी विस्तारक निकाले हैं। इन विस्तारकों के जिम्मे यही काम दिया गया है। वे रोज नए लोगों और नई जातियों से संपर्क करेंगे। संघ भले ही सीधे तौर पर बीजेपी के लिए काम नहीं कर रहा है। लेकिन, हिंदुत्व की चर्चा और दलित बस्तियों में सामाजिक समरसता के आयोजनों के जरिए वह बीजेपी के लिए माहौल ही बनाएगा।
बैठक में इसकी भी चर्चा की जाएगी कि सरकार और संगठन में आपस में कोई मतभेद न हो। दोनों आपसी तालमेल से चल सके। जिससे कि एक तरफ राज्य को सफल तरीके से चलाया जा सके, तो दूसरी तरफ पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया जा सके और चुनावी जमीन को तैयार किया जाए।
प्रदेश में हर चुनाव से पहले संघ इस तरह के बैठक का आयोजन किया जाता है। जिससे कि चुनावी जमीन को तलाशा जा सके। इसके साथ ही संघ की योजनाओं गांव-गांव तक पहुंचाया जा सके। चूंकि दत्तात्रेय होसबोले का केंद्र लखनऊ ही है। इसलिए दत्तात्रेय खुद लखनऊ में पहुंचकर पार्टी और सरकार के साथ बैठक करेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ संघ प्रमुख मोहन भागवत 22 को लखनऊ पहुंचेंगे। इस दौरान प्रांत कार्यकारिणी, क्षेत्रीय कार्यकारिणी के साथ बैठक होगी। इसमें अलग-अलग सत्र में जिला, विभाग प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक बैठेंगे। इसमें वह यूपी में चल रहे संघ के कामों की समीक्षा करेंगे।