अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान के अत्याचार भी सामने आने लगे हैं. तालिबान लोगों को फिर से बर्बर सजाएं देने लगा है. एक तरफ तालिबान अपने यहां लोगों को मारकर बीच चौराहे पर लटका रहा है. तालिबानी नेता मुल्ला नूरउद्दीन तुराबी ने ये कहा था कि अफगानिस्तान में गलती करने वालों को हाथ-पैर काटने की सजा दी जाएगी. नूरउद्दीन तुराबी ने ये भी कहा था कि दाढ़ी कटवाने वाले लोगों को कोड़े मारे जाएंगे,
दूसरी तरफ वो भारत से रिश्ते बनाना चाहते हैं. तालिबान ने भारत को पत्र लिखकर अच्छे रिश्ते की चाहत व्यक्त की है. तालिबान ने पत्र लिखकर भारत से कहा है कि वो अफगानिस्तान के लिए अपनी फ्लाइट शुरू करे. दरअसल, इस पत्र के जरिए तालिबान ने भारत के खिलाफ एक कूटनीतिक चाल चली है. भारत और अफगानिस्तान की फ्लाइट सेवा फिर से बहाल होती है तो इससे तालिबान सरकार को समर्थन मिलेगा.
तालिबान ये चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर तालिबान को मान्यता मिले. अगर भारत फ्लाइट नहीं शुरू करता है तो इससे दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार पर भी असर पड़ेगा. दरअसल साल 2019-20 में भारत और अफगानिस्तान के बीच करीब 11 हजार करोड़ का व्यापार हुआ था. भारत, अफगानिस्तान से बड़ी मात्रा में ड्राई फ्रूट्स और हर्बल दवाएं मंगवाता है.
दूसरी तरफ भारत से अफगानिस्तान को चाय, कॉफी, काली मिर्च, कॉटन और खिलौने निर्यात किये जाते हैं. 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने अफगानिस्तान की उड़ान बंद कर दी थीं. हालांकि कोरोना की वजह से डीजीसीए ने 31 अक्टूबर तक इंटरनेशनल फ्लाइट पर बैन लगा रखा है लेकिन तालिबान ने अपनी चिट्ठी के जरिए गेंद भारत के पाले में डाल दी है.