वो दिन दूर नहीं, जब आंखों में लगाया जाने वाला कॉन्टेक्ट लेंस आपकी सेहत का हाल भी बता देगा। भारतीय समेत शोधकर्ताओं के एक दल ने शरीर में प्रत्यारोपित किए जाने वाले उपकरणों को स्मार्टफोन से जोडऩे का तरीका ईजाद किया है।
इंटरस्केटर नाम की इस तकनीक में ब्लूटूथ सिग्नल को वाईफाई सिग्नल में बदला जाता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के प्रोफ़ेसर ने कहा, ‘प्रत्यारोपित किए गए उपकरणों के बीच कनेक्टिविटी गंभीर बीमारियों से निपटने के हमारे तरीके को बदलकर रख देगी।
उदाहरण के तौर पर किसी डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति की आंख में लगा कॉन्टेक्ट लेंस उसके आंसूओं में शुगर लेवल का पता लगा सकेगा। कॉन्टेक्ट लेंस से शुगर लेवल की यह जानकारी व्यक्ति के स्मार्टफोन को मिल जाएगी।’ उन्होंने बताया कि इसी तरह पार्किंसन जैसी बीमारी में दिमाग में लगाए जाने वाले उपकरण इस बीमारी से निपटने की दिशा में मददगार हो सकते हैं। यहां तक कि भविष्य में इन उपकरणों की मदद से अंगों को फिर से काम करने लायक बनाना भी संभव हो सकता है।